Wednesday, November 27, 2024
Patna

Sonpur Mela 2022: सोनपुर मेले में ‘रंगीन माहौल’ चरम पर, सूरज अस्त होते ही भोजपुरी गीतों पर मदमस्त हो रहे लोग..

Sonpur Mela Theater 2022, सोनपुर मेले का उद्घाटन सरकारी तौर पर बीते 6 नवंबर को हुआ था. लेकिन मेले का रंग अब पूरे शबाब पर है. या यूं कहें कि मेला अब अपने पूरे परवान है. मेले में बाजार पूरी तरह से सज गये हैं. मेले की जान और शान थियेटर सज गए हैं. डांसरों को देखने के लिए बिहार के अलावे यूपी और झारखंड से लोग पहुंच रहे हैं. शाम ढलते ही रंगीन रोशनी से मेला थियेटर पूरी तरह से जगमगा रहे हैं. भोजपुरी गीतों पर डांसकर जमकर लोगों का मनोरंजन कर रही हैं.

बूढ़े से लेकर जवान सभी हो रहे मदमस्त
मेले में थियेटर डांसरों और रंग बिरंगी रोशनी को देखने के बाद जवान तो जवान सत्तर साल के बुजुर्ग के जिस्म में भी खून की रवानी उफान मार रही है. थियेटर की दिवानगी लोगों के सिर पर चढ़कर बोल रही है. युवाओं का उत्साह चरम पर है. दोपहर के बाद से थियेटर की खिड़कियों के सामने टिकट के लिए लंबी-लंबी कतारें लगने लगती है. बता दें कि कोरोना के चलते दो साल तक सोनपुर मेला का आयोजन नहीं हो सका था. अब दो साल बाद सोनपुर मेले का आयोजन हो रहा है. इस बार मेले को रंगीन बनाने के लिए जिला प्रशासन ने कुल चार थियेटरों को मंजूरी दी है.Sonpur Mela

बेगूसराय से लेकर पं. चंपारण से पहुंच रहे लोग
मेले में थियेटर खिड़की के सामने यूपी-झारखंड के अलावे बिहार के बेगूसराय, पं. चंपारण, आरा, मुजफ्फरपुर आदि जिले से लोग पहुंच रहे हैं. वहीं गया जिले से आए एक सत्तर साल के बुजुर्ग ने बताया कि वे हर बार गया से थियेटर को देखने के लिए आते हैं. उन्हें थियेटर देखना काफी पसंद है.

सूरज अस्त होते ही मदमस्त हो रहे लोग
सोनपुर मेले में यूं तो दिन भर पशुओं की खरीदारी करते हैं. लेकिन जैसे-जैसे सूरज अस्त होने लगता है रंगीन लाइटों के बीच थियेटर की महफिलें सजने लगती है. डांसरों की हर एक अदा पर कद्रदान सब कुछ खोने के लिए तैयार रहते हैं. दोपहर बाद से थियेटर के दीवाने युवाओं की भीड़ मेले में जुटने लगती है.Sonpur Mela

दुकानदारों में खुशी का माहौल

बता दें कि सोनपुर मेले को यूं तो एशिया के सबसे बड़े पशु मेले के रूप में जाना जाता है. लेकिन 2003 में पशुओं की खरीद-फरोख्त पर रोक लगने के बाद से इस मेले का रूप बदलता चला गया. अब मेले की जान और शान केवल थियेटर है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं. रंगीन रोशनी के बीच नाच-गान के शौकीन लोगों की हर रात हसीन हो रही है. थियेटर लने से मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदारों में भी खुशी का माहौल है. क्यों कि थियेटर के चलते मेले में प्रतिदिन हजारों लोगों की भीड़ उमड़ती है. जिससे उनका व्यापार होता है. वहीं, रात में जब मेला के स्टॉल बंद हो जाते हैं तब इन छोटे दुकानदारों की दुकानदारी चमक उठती है.

(Sonpur Mela)

Kunal Gupta
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