समस्तीपुर में रोचक पेंटिंग, बीज के दानों से बनाया बिहार का नक्शा..
समस्तीपुर, {प्रकाश कुमार}। जब भी कूची उठाता हैं, बोलती सी प्रतीत होती कलाकृति सामने आती है। उसकी यह प्रतिभा मन को मोहने वाली। बिना किसी गुरु अभ्यास के बल पर ऐसी प्रतिभा के धनी ये कलाकार हैं समस्तीपुर कालेज, समस्तीपुर के स्नातक का छात्र मो. अमन। उसकी अधिकतर कलाकृति आमजन के बीच जागरूकता पैदा करती है। सरायरंजन प्रखंड के किशनपुर यूसूफ गांव के मो. युनुस के पुत्र मो. अमन को पेंटिंग का बचपन से ही शौक था। पढ़ाई-लिखाई के साथ वह पेंटिंग भी बनाता है। छात्र ने प्रखंड के ही तिसवारा उच्च विद्यालय से मैट्रिक और सरयुग कालेज से इंटर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई समस्तीपुर कालेज से कर रहे है। समस्तीपुर जिला स्थापन दिवस के अवसर पर कलाकृतियों का स्टाल लगाने का मौका मिला है।
बीज का उपयोग कर बनाया बिहार व समस्तीपुर का नक्शा
बिहार और समस्तीपुर का अलग-अलग नक्शा बनाया है। इस नक्शे में साग-सब्जी के अलावा अलग-अलग राजमा, चना, मटर, करेला, धनिया, मरीच, खीरा, धान, भिंडी, कुसुम, मूली आदि के बीज का उपयोग कर नक्शा तैयार किया गया है। फार्म हाउस का मॉडल तैयार किया गया है। खेती को सुदृढ़ करने के लिए सभी तरह की व्यवस्था दर्शायी गई है। आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है।
सूप का कलाकृति के माध्यम से दर्शाया जीवन चक्र
लड़कियों के जीवन चक्र को सूप के माध्यम से दर्शाया गया है। इसके लिए पांच सूप तैयार कर उसमें बचपन से लेकर वृद्ध तक उपयोग की जाने वाली चीजों दर्शाया गया है। इसके माध्यम से बताया गया है कि जिस तरह की सूप को तैयार किया जाता है उसी तरह जीवन की दिशा व दृष्टि मिलने से आगे बढ़ा जा सकता है।
पलाश के पत्ता पर मिश्री दाना से लिखा लोक गीत
पलाश के पत्ता पर मिश्री दानों से बिहार की लोक गीत हे भारत के कंठहार, शत-शत नमन बिहार लिखा गया है। मिट्टी के ढ़क्कन पर भी चार भाषा में पेंटिंग किया है। हिंदू, संस्कृत, उर्दू व अंग्रेजी भाषा में वंदे मातरम गीत लिखा है।