Monday, December 23, 2024
Samastipur

समस्तीपुर की 14 साल की बिटिया आद्या ने लिख डाली किताब”The Only Heiress”की हो रही तारीफ..

The Only Heiress,समस्तीपुर। कहते है बच्चो को अगर अच्छी शिक्षा के साथ गाइड किया जाए तो वो कुछ भी कर सकती है।ऐसा ही एक कारनामा समस्तीपुर जिले के लगूनिया सूर्यकंठ के रहनेवाले विजय कृष्ण की पुत्री आद्या ने कर दिखाया है।इसे लेकर बीजेपी नेता रंजीत निर्गुणी ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट के जानकारी साझा किया है।

उन्होंने बताया कि फेसबूक मेसेंजर में एक साथी, विजय कृ्ष्ण जी ने अपनी बिटिया आद्या के द्वारा लिखित किताब “The Only Heiress” (इकलौती उत्तराधिकारी) का ज़िक्र करते हुए घर आने का आग्रह किया। विजय जी ने यह बताया कि वे पटना रहते हैं और मूलत: समस्तीपुर के रहनेवाले हैं। आज पटना प्रवास के क्रम में आद्या से मिलने पहूँचा । वहॉ मालूम हुआ कि विजय कृष्ण समस्तीपुर अंतर्गत लगूनिया सूर्यकंठ के रहनेवाले हैं । हरसिंगपुर (सरायरंजन) के होमियोपैथी के प्रख्यात चिकित्सक डॉ एस के झा साहब से भी पहली बार मिला।

अब बात आद्या की। Aadya नवम वर्ग की छात्रा है। उम्र १४ वर्ष । अपने माता-पिता की इकलौती संतान । अपने बाबा स्व.बैधनाथ चौधरी जी की इकलौती पौत्री । Aadya भी अन्य बच्चों की तरह स्कूल जाती है । लेकिन आद्या वहीं पर रूकती नहीं । उसे उसके दैनंदिन जीवन के बारीकियों में गहरी दिलचस्पी है। उसे परिवार की संरचना, परिवार के संवाद सब कुछ मे अभीरुची है। वो हर छोटी बात को बड़े पटल पर ले जाकर सोचती है ।

हर बात के सामाजिक पृ्ष्ठभूमि में घुस जाती है । उस पर सवाल खड़े करती है । उसे समाज के पीतृसत्तात्मक रूढीयों से चिढ़ है । उसे स्त्री और पुरूष के बीच विभिन्न प्रकार के सामाजिक विभेद चुभते हैं । बेटा-बेटी के भेद से व्यथित आद्या एक उपन्यास लिख देती है । अपने उपन्यास “ The Only Heiress” ( इकलौती उत्तराधिकारी) में आद्या अपने मन में उठने वाले सवालों का जवाब बख़ूबी नंदिनी नाम के पात्र के माध्यम से देती है । आद्या अपनी बातों को लेकर काफ़ी तटस्थ नज़र आती है। धाराप्रवाह अपनी बातों को तर्क की कसौटी पर कसते हुए लयबद्ध तरीक़े से रखते चली जाती है ।

 

आधा का उपन्यास काफ़ी चर्चा में है । पटना के अख़बारों और न्यूज़ चैनलों में आद्या के साक्षात्कार आने लगे हैं । लेकिन मैनें आद्या को अभी पब्लिसिटी से दूर रहने का सुझाव दिया । आत्मविश्वास से सराबोर आद्या से मिलकर मैं आने वाली पीढ़ी के प्रति आशान्वित हो गया । सोचना तो हममे से हर किसी को चहिए । लेकिन हम उम्र इकट्ठा करने के क्रम में शायद ही मानसिक जड़त्व को त्यागने का उधम करते हैं । नतीजा आत्ममुग्धता !!आद्या को अशेष शुभकामनाएँ!! साथ ही आद्या के इस उधम में शामिल उनके अभिभावकों को भी साधुवाद ।

सोर्स:बीजेपी नेता रंजीत निर्गुणी के फेसबुक पेज से।

Kunal Gupta
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