Thursday, January 23, 2025
Vaishali

15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर केंद्र ने जारी किया राज्यों को अनुदान,यूपी को 1988 करोड़ तो बिहार को सिर्फ 7.35 करोड़..

 

पटना. 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने शहरी स्थानीय निकायों के लिए 4761 करोड़ रुपये का अनुदान वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जारी किया है.उसमें बिहार के हिस्से में महज 7.35 करोड रुपए ही आई है. जबकि पड़ोसी राज्य झारखंड को इस मद से करीब 12 करोड़ और उत्तर प्रदेश को 1988 करोड़ मिलेगा. दरअसल में यह राशि केंद्र सरकार राज्यों को वित्त आयोग द्वारा निर्धारित फॉर्मूले के आधार पर जारी करती है.राज्यों की हिस्सेदारी तय करने के लिए वित्त आयोग ने शहरीकरण को आधार बनाया है.

 

15वें वित्त आयोग के फॉर्मूले के आधार पर तय की गयी है राशि
15वें वित्त आयोग ने 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट में शहरी स्थानीय निकायों को दो श्रेणियों में बांटा है- (ए) 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरी समुदायों/शहरों (दल्लिी और श्रीनगर को छोड़कर) और (बी) दस लाख से कम आबादी वाले अन्य शहर और कस्बे (नॉन मिलियन प्लस सिटीज).15वें वित्त आयोग ने इन शहरों के लिए अलग से अनुदान देने की सिफारिश की है. दस लाख से अधिक शहरों/शहरी समूहों (एमपीसी/यूए) के लिए आयोग द्वारा अनुशंसित कुल अनुदानों में से, ठोस अपशष्टि प्रबंधन घटक के लिए 2/3 से अधिक की सिफारिश की जाती है और शेष 1/3 को परिवेशी वायु गुणवत्ता के लिए आवंटित किया जाता है.

इस फॉर्मूले के आधार पर राज्यों को मिलने वाली राशि
राज्य                         राशि करोड़ में

उत्तर प्रदेश                        1988

बिहार                         7.35

झारखंड                         11.98

प.बंगाल                         7.35

सहयोग नहीं दे रहा केंद्र : विजय चौधरी
इधर, बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्र पर मदद नहीं करने का आरोप लगाया है. वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार की वित्तीय स्थिति गड़बड़ नहीं है, लेकिन यह बात भी सही है कि केंद्र से जितनी मदद बिहार को मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है. विजय चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के मामले में बिहार गरीब राज्य है. इसके बावजूद हम देश के उन राज्यों को जो तेज गति से विकास कर रहे हैं को टक्कर दे रहे हैं

Kunal Gupta
error: Content is protected !!