बिहार के स्कूलों में शनिवार को नो बैग की व्यवस्था; बजेगी खेल की घंटी; मुफ्त मिलेगी किताब और डायरी
पटना : राज्य के सभी 72 हजार सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में इस माह से हर शनिवार को बच्चों के लिए नो बैग की व्यवस्था और खेल की घंटी लागू होने जा रही है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसपर विभागीय सहमति लेकर जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। बच्चों के लिए सुरक्षित शनिवार के तहत शिक्षा विभाग का यह फैसला बच्चों पर पढ़ाई का बोझ को कम करना और शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए है। प्रत्येक शनिवार को बच्चे किताबें लेकर कक्षाओं में नहीं आएंगे। उन्हें प्राकृतिक आपदा और खेलकूद आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए विद्यालयों में बकायदा घंटी लगेगी। साथ ही प्रत्येक बच्चे को डायरी दी जाएगी। उसमें सामाजिक सुधार, बाल विवाह रोकने, शराबबंदी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बातें व उनके प्रेरणादायक संदेश भी रहेंगे।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि स्कूली बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम करके उन्हें खेलकूद की गतिविधियों से जोड़ने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसे ध्यान में रखकर हर शनिवार को बच्चों के लिए नो बैग की व्यवस्था और खेल की घंटी अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी। इस संबंध में विभाग के स्तर से जल्द ही सभी 38 जिलों को दिया-निर्देश जारी किया जाएगा। प्रारंभिक विद्यालयों में चेतना सत्र में गांधी जी की कहानी को पढ़कर सुनाने की व्यवस्था पहले से है और इसे अनिवार्य किया गया है।
बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकों के साथ मिलेगी डायरी
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि नए सत्र से पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें देने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही प्रत्येक बच्चों को एक डायरी दी जाएगी। महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित एक था मोहन और देश के प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद से संबंधित पुस्तक भी बच्चों के बीच वितरित कराई जाएगी। अबुल कलाम आजाद के जीवन पर आधारित पुस्तक माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी दी जाएगी