Thursday, March 20, 2025
Vaishali

अगवा बेटे को छुड़ाने के लिए माता-पिता ने बेचनी चाही दुधमुंही बच्ची, 30 हजार में तय की डील

 

जमुई: जिले के झाझा थाना क्षेत्र में कर्ज के बोझ के कारण और बंधक बने पुत्र को छुड़ाने के लिए एक मां-बाप ने अपनी दुधमुंही बच्ची को बेचने की कोशिश की. बच्ची को खरीदने की कीमत 30 हजार तय हुई. मामला झाझा थाना क्षेत्र के पुरानी बाजार मुसहरी टोला का है. पीड़ित मां-बाप ने कहा कि हम दोनों कचरा चुनकर मजदूरी का काम करते हैं. बेटे को छुड़ाने के लिए इतनी राशि जुटा पाना मुश्किल हो रहा था इसलिए ये कदम उठाया.

बेटे को भाई ने बना लिया था बंधक

 

माता-पिता ने कहा कि हम लोगों ने कारू मांझी और अनिता देवी से बंधक बनाए पुत्र को छोड़ देने के लिए विनती भी की, लेकिन वे लोग नहीं माने. इसके कारण मजबूरन बच्ची बेचने का कदम  उठाया. उधर, थाना परिसर के बाहर लगे भीड़ का फायदा उठाते हुए बच्ची को खरीद रही महिला मौके से चंपत हो गई. लोगों के द्वारा समझाने पर पीड़ित मां-बाप ने थाना पहुंचकर बंधक बने पुत्र को सकुशल बरामद करने की गुहार लगाई.

कर्ज के बोझ में डूबा था परिवार

लोगों के सामने मामला तब आया जब पीड़ित मां-बाप अपनी 20 दिन की पुत्री को बेचने के लिए थाना के पास आए और शहर की एक महिला उस बच्ची को 30 हजार रुपये में खरीद रही थी. ऐसा करते देख वहां लोगों की भीड़ लग गई और लोगों ने जब पूछताछ शुरू की तो मौके से बच्ची खरीद रही महिला फरार हो गई. बच्ची के पिता मेगू मांझी और मां मधु मांझी ने बताया कि बीते साल वह रामगढ़ में अपने भाई कारू मांझी के पास काम करता था. उससे पांच हजार रुपये कर्ज लिया था जिसके बाद दोनों वापस झाझा लौट आए.

लगातार मांग रहे थे पैसे

महिला ने कहा कि मेरा भाई और उसकी पत्नी अनिता देवी लगातार पैसे मांगने लगे, लेकिन पैसे की जुगाड़ नहीं हो पाने पर उसे पैसे वापस नहीं कर पाए थे. इसी बीच दो दिन पहले मेरा दस साल का बड़ा बेटा सोनू कचरा चुनने घर से निकला और उसके बाद घर नहीं लौटा. दूसरी ओर मेरा भाई फोन पर दिए हुए कर्ज की राशि में बढ़ोतरी करते हुए 25 हजार रुपये की मांग करने लगा. मेरे बच्चे को बंधक बनाकर अपने पास रखने का जानकारी दी. काफी विनती के बाद भी मेरे भाई और उसकी पत्नी ने कोई बात नहीं सुनी. पैसे की डिमांड लगातार करते हुए पुत्र को तरह-तरह से प्रताड़ित करने लगा. कुछ उपाय न देखते हुए आखिरकार दुधमुंही बच्ची को बेचने पर मजबूर हो गए.

Kunal Gupta
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