बिहार में अधिक सड़क हादसे वाले क्षेत्रों से जुड़ेगा एंबुलेंस नेटवर्क,जानें क्या है सरकार की योजना..
बिहार न्यूज;पटना. बिहार में सड़क हादसों की संख्या में न केवल बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, बल्कि इन हादसों में लोगों के मरने की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. देखा जा रहा है कि अधिकतर मौतें समय से इलाज नहीं हो पाने की स्थिति में हो रही हैं. बिहार में सड़क दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर तुरंत एंबुलेंस पहुंचे और घायल व्यक्ति अस्पताल पहुंच सकें. इसको लेकर सभी सरकारी व निजी एंबुलेंस को एक नेटवर्क में जोड़ा जायेगा. वहीं,सभी एंबुलेंस एक आपातकालीन नंबर पर उपलब्ध रहेगा.
अभी 10 अस्पताल की सूची पर सहमति
इस योजना को अंतिम रूप देने के लिए परिवहन विभाग की समीक्षा के बाद दुर्घटना प्रवण क्षेत्रों से एंबुलेंस की टैगिंग की जायेगी .इस संबंध में सभी संबंधित विभागों को दिशा- निर्देश भेजा गया है,ताकि इस काम को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके. ट्रॉमा सेंटर से भी इन दुर्घटना प्रवण क्षेत्रों को जोड़ा गया है.अभी 10 अस्पताल की सूची पर सहमति बनी है.
नियमित होगा एंबुलेंस का ऑडिट
अधिकारियों के मुताबिक एंबुलेंस का मापदंडाें के अनुसार नियमित ऑडिट होगा, ताकि एंबुलेंस की स्थिति बेहतर रहे और मरीजों को सभी सुविधाओं के साथ अस्पताल तक पहुंचाया जा सके.
इन जिलों में ज्यादा सड़क हादसा
राज्य में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं कैमूुर, सुपौल, बक्सर, मधेपुरा, कटिहार, बांका, भोजपुर, अरवल, सीवान, खगड़िया, शिवहर, गोपालगंज, शेखपुरा, मुजफफरपुर, रोहतास, नालंदा, मधुबनी, औरंगाबाद, जमुई, पूर्णिया में हो रही है.
ये है एंबुलेंस की संख्या
सरकारी 1062
एएलएस 58 (एडवांस लाइफ सपोर्ट)
बीएलएस 1004 (बेसिक लाइफ सपोर्ट)
जिला एंबुलेंस 1036
चिकित्सा महाविद्यालय 26
इन अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर से जुड़ेंगे
पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स, दरभंगा मेडिकल कॉलेज, श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरपुर, अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज गया, जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज भागलपुर, पावापुरी मेडिकल कॉलेज, बेतिया मेडिकल कॉलेज और मधेपुरा मेडिकल कॉलेज से जुड़ेगा. यहां लेबर टू का ट्रोमा सेंटर है. जहां मरीजों का इलाज होगा.