बिहार में शिक्षकों को दो महीने से सैलरी का इंतजार, बिना वेतन दशहरा, उधार पर निकलेगी दिवाली
पटना।
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आगामी दीपावली और लोक आस्था के महापर्व छठ को देखते हुए विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से परामर्श के बाद सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को अक्टूबर का वेतन भुगतान 20 अक्टूबर से पहले ही कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, कॉलेज और स्कूल के हजारों शिक्षकों के बकाए वेतन का भुगतान अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
विजय चौधरी ने बताया कि पिछले दो-तीन वर्षों से कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इस त्योहार का आयोजन फीका रहता था। इस बार सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इन पर्वों को हर्षोल्लास और आनंदपूर्वक मना सकें, इसलिए सरकार ने समय रहते यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार के इस फैसले से करीब चार से अधिक सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को त्योहार के पूर्व वेतन का भुगतान होगा। दशहरा के पहले भी सरकार ने कर्मचारी हित में त्योहार के पहले वेतन के भुगतान का निर्देश दिया था।
वहीं टीईटी-एसटीईटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने बताया कि दुर्गा पूजा खत्म हो गई है और हमें वेतन नहीं मिला। अब दिवाली और छठ भी नजदीक आ रहे हैं। नए शिक्षा मंत्री ने वेतन और बकाया भुगतान को नई सरकार का तोहफा बताया था, लेकिन उसका भी अब तक भुगतान नहीं किया गया है। त्योहारी सीजन में भी सितंबर और अक्टूबर का वेतन का भुगतान जिलों तक नहीं पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक भी कार्यरत हैं और उन सभी के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। शिक्षक दशहरे के बाद अब दिवाली भी अंधेरे में ही मनाने के लिए मजबूर हैं। अगर घरों में अंधेरा है तो शिक्षक कैसे काम कर सकते हैं। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्थिति बेहतर नहीं है, क्योंकि त्योहारी सीजन में उनका इंतजार लंबा हो जाता है। कई विश्वविद्यालयों में जुलाई के बाद रिटायर्ड शिक्षकों और कर्मचारियों को भी पेंशन नहीं मिली है।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए अनुदान जारी करने में देरी विश्वविद्यालयों की ओर से बार-बार याद दिलाने के बावजूद पिछले अनुदानों के उपयोग प्रमाण पत्र जमा करने में देरी के कारण हुई। पिछली बार सरकार ने विश्वविद्यालयों में वेतन और पेंशन के लिए अनुदान जून और जुलाई के लिए जारी किया था।
फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार (FUTAB) के महासचिव और एमएलसी प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि संभावना नहीं है कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को दिवाली से पहले वेतन मिलेगा। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अगस्त और सितंबर का वेतन नहीं मिला है, जबकि अक्टूबर अब समाप्त हो रहा है।
एफयूटीबी के कार्यकारी अध्यक्ष केबी सिन्हा ने कहा कि वेतन के भुगतान में देरी न तो अचानक हुई और न ही कोई नया मुद्दा है, क्योंकि सरकार देरी के लिए जवाबदेही तय करने में विफल रही है, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों को अनुचित कठिनाई हो रही है, जिनबिहार में शिक्षकों को दो महीने से सैलरी का इंतजार, बिना वेतन दशहरा, उधार पर निकलेगी दिवाली
पटना।
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि आगामी दीपावली और लोक आस्था के महापर्व छठ को देखते हुए विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से परामर्श के बाद सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को अक्टूबर का वेतन भुगतान 20 अक्टूबर से पहले ही कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, कॉलेज और स्कूल के हजारों शिक्षकों के बकाए वेतन का भुगतान अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
विजय चौधरी ने बताया कि पिछले दो-तीन वर्षों से कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण इस त्योहार का आयोजन फीका रहता था। इस बार सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इन पर्वों को हर्षोल्लास और आनंदपूर्वक मना सकें, इसलिए सरकार ने समय रहते यह निर्णय लिया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार के इस फैसले से करीब चार से अधिक सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को त्योहार के पूर्व वेतन का भुगतान होगा। दशहरा के पहले भी सरकार ने कर्मचारी हित में त्योहार के पहले वेतन के भुगतान का निर्देश दिया था।
वहीं टीईटी-एसटीईटी शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने बताया कि दुर्गा पूजा खत्म हो गई है और हमें वेतन नहीं मिला। अब दिवाली और छठ भी नजदीक आ रहे हैं। नए शिक्षा मंत्री ने वेतन और बकाया भुगतान को नई सरकार का तोहफा बताया था, लेकिन उसका भी अब तक भुगतान नहीं किया गया है। त्योहारी सीजन में भी सितंबर और अक्टूबर का वेतन का भुगतान जिलों तक नहीं पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक भी कार्यरत हैं और उन सभी के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। शिक्षक दशहरे के बाद अब दिवाली भी अंधेरे में ही मनाने के लिए मजबूर हैं। अगर घरों में अंधेरा है तो शिक्षक कैसे काम कर सकते हैं। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्थिति बेहतर नहीं है, क्योंकि त्योहारी सीजन में उनका इंतजार लंबा हो जाता है। कई विश्वविद्यालयों में जुलाई के बाद रिटायर्ड शिक्षकों और कर्मचारियों को भी पेंशन नहीं मिली है।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए अनुदान जारी करने में देरी विश्वविद्यालयों की ओर से बार-बार याद दिलाने के बावजूद पिछले अनुदानों के उपयोग प्रमाण पत्र जमा करने में देरी के कारण हुई। पिछली बार सरकार ने विश्वविद्यालयों में वेतन और पेंशन के लिए अनुदान जून और जुलाई के लिए जारी किया था।
फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार (FUTAB) के महासचिव और एमएलसी प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि संभावना नहीं है कि विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को दिवाली से पहले वेतन मिलेगा। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अगस्त और सितंबर का वेतन नहीं मिला है, जबकि अक्टूबर अब समाप्त हो रहा है।
एफयूटीबी के कार्यकारी अध्यक्ष केबी सिन्हा ने कहा कि वेतन के भुगतान में देरी न तो अचानक हुई और न ही कोई नया मुद्दा है, क्योंकि सरकार देरी के लिए जवाबदेही तय करने में विफल रही है, जिससे शिक्षकों और कर्मचारियों को अनुचित कठिनाई हो रही है, जिनका प्रक्रियाओं से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह केवल वेतन और पेंशन के बारे में नहीं है, यहां तक कि विश्वविद्यालयों में महंगाई भत्ता भी बकाया है। भले ही सरकारी कर्मचारी इसे अधिसूचित होने के दिन से ही इसका लाभ उठाते हैं।का प्रक्रियाओं से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह केवल वेतन और पेंशन के बारे में नहीं है, यहां तक कि विश्वविद्यालयों में महंगाई भत्ता भी बकाया है। भले ही सरकारी कर्मचारी इसे अधिसूचित होने के दिन से ही इसका लाभ उठाते हैं।