कोई भी इमरजेंसी हो डायल करें 112, डाक्टर चाहिए या पुलिस; बिहार में एक काल पर मिल रही हर मदद.
Dial 112 Emergency Helpline ।पटना। पुलिस, एंबुलेंस एवं फायर ब्रिगेड समेत सभी इमरजेंसी के लिए जारी की गई डायल-112 सेवा का जल्द विस्तार होगा। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) के तहत शुरू की गई डायल-112 सेवा के दूसरे चरण के लिए गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव मांगा है। अभी पटना जिले के साथ सभी जिला मुख्यालयों में डायल-112 के तहत सुविधा दी जा रही है।
प्रखंड स्तर पर सुविधा देने की तैयारी
दूसरे चरण में राज्य के सभी प्रखंडों में इस सुविधा को शुरू करने की योजना है। इसके लिए दिसंबर तक की समयसीमा तय की गई है। इसी साल जुलाई में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डायल-112 सेवा की शुरुआत की थी। इसके लिए फिलहाल 400 गाडिय़ां उपलब्ध कराई गई हैं। प्रत्येक वाहन के साथ एक चालक के अलावा पुलिस पदाधिकारी और दो जवानों को तैनात किया गया है।
30 हजार मानव बल की होगी आवश्यकता
डायल 112 की सेवा के पूरे राज्य में विस्तार के लिए करीब 30 हजार मानवबल की आवश्यकता होगी। इसके अलावा 1200 चारपहिया वाहन व 500 मोटरसाइकिल की भी आवश्यकता जताई गई है। पुलिस मुख्यालय ने विस्तार से पहले जिलावार मानवबल और संसाधनों की जरूरत का आकलन कर रहा है।
डायल-112 के लिए तैनात वाहनों के कामकाज की होगी समीक्षा
डायल-112 के तहत जिला मुख्यालयों में तैनात करीब 400 वाहनों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। यह देखा जाएगा कि डायल-112 लांच होने के बाद कितनी आपराधिक घटनाओं की शिकायत दर्ज की गई और प्रत्येक दिन प्रति वाहन का रिस्पांस कैसा रहा। किन-किन जगहों पर तैनात इमरजेंसी वाहनों पर दबाव अधिक रहा और कहां कम।
इन मामलों में मिलती है मदद
पुलिस सहायता, अगलगी की घटना, चिकित्सा सहायता, महिला-बच्चों की सहायता, वरिष्ठ नागरिकों की सेवा, सड़क दुर्घटना व अन्य आपातकालीन स्थिति।
ऐसे मांग सकेंगे मदद
फोन या मोबाइल से 112 डायल कर
112 नंबर पर एसएमएस करके
112 मोबाइल एप डाउनलोड कर
राजवीनगर में बनेगा नया कंट्रोल एंड कमांड सेंटर
डायल 112 के लिए फिलहाल राजवंशीनगर स्थित वायरलेस मुख्यालय में कंट्रोल एंड कमांड सेंटर चल रहा है। डायल-112 के तहत की जाने वाली काल इसी कंट्रोल सेंटर में आती है, जहां से नजदीकी इमरजेंसी वाहन को घटनास्थल की ओर भेजा जाता है। पूरे राज्य में डायल-112 सुविधा का विस्तार होने पर कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के लिए अधिक जगह की जरूरत होगी। इसके लिए राजीवनगर थाना के पास करीब 27 कट्ठा जमीन का अधिग्रहण किया गया है। जल्द ही यहां भवन निर्माण का काम शुरू होने की उम्मीद है।