अब घाटी में बर्दाश्त नहीं आतंक! हत्याओं पर कश्मीरी पंडितों का छलका दर्द- पढ़ें बड़ी बातें..
नई दिल्ली ।
जम्मू कश्मीर के शोपियां में एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की हत्या के बाद घाटी में बवाल मची है. घाटी में अपने समुदाय के लोगों की लक्षित हत्याओं का आरोप लगाते हुए कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने शनिवार को बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर विफलताओं का आरोप लगाते हुए मुख्य सड़क पर मार्च किया और राजमार्ग को घेर लिया. समुदाय के लोगों का आरोप है कि वे लगातार अपनी असुरक्षा की बात कहते रहे हैं लेकिन सरकार उसपर ध्यान नहीं दे रही है. प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडितों ने कहा कि अब घाटी में आतंक बर्दाश्त नहीं है. यहां पढ़ें हत्या से जुड़ी अबतक की बड़ी बातें…
दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के चौधरी गुंड इलाके में शनिवार दोपहर आतंकवादियों ने पूरन कृष्ण भट नाम के एक कश्मीरी पंडित की उनके आवास के पास गोली मारकर हत्या कर दी. मई में कश्मीर में राहुल भट की हत्या के बाद से पिछले पांच महीनों में प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत काम कर रहे कर्मचारी कश्मीरी पंडितों ने जम्मू में रिलीफ कमिश्नर ऑफिस के पास विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों में शामिल निखिल कौल ने कहा कि इस लक्षित हत्या से एक बार फिर हमारी आशंका सच साबित हुई है. उन्होंने कहा कि हम पहले ही घाटी छोड़ चुके हैं, वरना हमें लगता है कि हम से कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता. उन्होंने कहा कि घाटी में रहना उनके लिए सुरक्षित नहीं है लेकिन यह सरकार अपने रुख पर कायम है और पुनर्वास के लिए उनकी दलीलों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
एक अन्य प्रदर्शनकारी योगेश पंडित ने कहा कि प्रशासन ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दिया है और अटेंडेंस नहीं लगाने पर उनके वेतन को रोका जाता है जो उनके लिए मृत्यु वारंट जैसा है. उन्होंने कहा कि प्रशासन इसके जरिए उनपर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने इस हालिया हत्या पर कहा भट की हत्या ने घाटी में बेहतर सुरक्षा स्थिति के बारे में सरकार के दावों को उजागर कर दिया है. सही मायनों में स्थिति सामान्य होने तक हम वापस नहीं लौटेंगे.”
प्रदर्शनकारी ने कहा कि समुदाय ने पिछले एक साल में सिलसिलेवार लक्षित हत्याओं के बाद घाटी से अपने स्थानांतरण के लिए मेमोरेंडम और विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सरकार तक पहुंचने की कोशिश की. उन्होंने कहा, यह सरकार गूंगी, बहरी और अंधी है. राष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ता भी प्रदर्शनकारियों में शामिल हुए और घाटी में आतंकवादियों द्वारा लगातार लक्षित हत्याओं की निंदा करते हुए पाकिस्तान का पुतला फूंका.
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीआईजी) सुजीत कुमार ने बताया कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर (केएफएफ) समूह ने ली है. अधिकारी ने बताया कि भट को गोली लगने के बाद शोपियां अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कश्मीर जोन पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों ने एक नागरिक पूरन कृष्ण भट पर उस वक्त गोली चलाई, जब वह शोपियां में चौधरी गुंड स्थित अपने बाग जा रहे थे.
डीआईजी सुजीत कुमार ने बताया कि जिस इलाके में भट पर गोली चलाई गई है, वहां सुरक्षा की पूरी व्यवस्था थी. उन्होंने कहा कि इस इलाके में सुरक्षा बलों की तैनाती है और इस चूक के कारणों का पता लगाया जा रहा है. डीआईजी ने कहा कि किसी भी तरह की चूक के मामले में सुरक्षाकर्मियों और इलाके के प्रभारी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है.
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीरी पंडित की हत्या की निंदा की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, शोपियां में पूरन कृष्ण भट पर हमला कायराना हरकत है. शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस घटना को अंजाम देने वालों और आतंकवादियों की मदद करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि मई में राहुल भट नाम के शख्स की हत्या की घटना के बाद से कश्मीरी पंडित पिछले पांच महीनों से खुद को दूसरे स्थानों पर भेजने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उपराज्यपाल प्रशासन ने उनकी दशा के प्रति अपनी आंखें मूंद रखी है. पार्टी ने कहा, आज एक और कश्मीरी पंडित, पूरन कृष्ण की शोपियां में गोली मार कर हत्या कर दी गई.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संगठन के प्रदेश महासचिव अशोक कौल ने भी बर्बर हत्या की निंदा की और परिवार के प्रति अपनी संवेदना जताई. अपनी पार्टी के प्रमुख सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी ने कहा, यह एक कायराना हमला है. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने कहा कि इस तरह के हमले को कभी उचित नहीं ठहराया जा सकता. नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, मैं इस घटना की निंदा करता हूं. परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताता हूं.”