Wednesday, November 27, 2024
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Chhath Puja 2022:बिहार का एक अनूठा गांव जहां महिलाएं नहीं, उनके पति करते छठ व्रत..

Chhath Puja 2022,मोरवा (समस्तीपुर)। भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व छठ आमतौर पर महिलाएं ही करती हैं। पुरुष अन्य कामों में उनका हाथ बंटाते हैं, मगर मोरवा प्रखंड की ररियाही पंचायत के रघुनाथपुर गांव में महिलाओं की जगह पति छठ व्रत करते हैं। महिलाएं उन्हें सहयोग करती हैं। व्रत के हर नियम का पालन करते हुए पुरुष व्रती अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

छठ घाट दूर होने से बदली परंपरा
करीब पांच हजार की आबादी रघुनाथपुर गांव में तकरीबन एक हजार पुरुष छठ करते हैं। इस बार करीब एक दर्जन युवक पहली बार छठ करेंगे। पुरुषों के छठ करने की परंपरा कब शुरू हुई, यह किसी को स्मरण नहीं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि छठ पूजा के लिए गांव से करीब छह किलोमीटर दूर नून नदी के किनारे जाना होता था। उस समय गांव में तालाब नहीं थे। उतनी दूर जाने में महिलाओं की परेशानी को देखते हुए बुजुर्गों ने तय किया कि छठ व्रत करने और नदी घाट तक जाने की परंपरा शादीशुदा पुरुष निभाएंगे, महिलाएं घर में रहकर प्रसाद की तैयारी करेंगी। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि बुजुर्गों को महिलाओं का घर से निकलकर सार्वजनिक जगहों पर जाना पसंद नहीं था, इसलिए उनकी जगह पतियों को छठ करने की जिम्मेदारी दी गई। अब तो गांव और उसके आसपास तालाब बन गए हैं, लेकिन पुरुषों के छठ करने की परंपरा कायम है। कुछ बुजुर्गों का कहना है कि पर्दा प्रथा के कारण महिलाओं का तालाब पर जाना प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस कारण छठ करने की जिम्मेदारी पुरुषों को दे दी गई थी।

खुद को कर्ण का वंशज मानते
ग्रामीण परमानंद सिंह का कहना है कि पुरुष व्रत के हर नियम का पालन निष्ठापूर्वक करते हैं। नहाय-खाय के दिन निकटवर्ती नदी या तालाब में स्नान के बाद अरबा भोजन करने के साथ महापर्व का अनुष्ठान शुरू करते हैं। तीन दिन के उपवास के बाद अपने हाथों से ही ठेकुआ, टिकरी, पेड़ा, लड्डू बनाते हैं। अर्घ्य की सामग्री सजाते हैं। फूल, तुलसी, धूप नैवेद्य से छठी मैया एवं भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना करते हुए अस्ताचलगामी और उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देते हैं। पूर्व मुखिया फूलन कुमार सिंह कहते हैं कि गांव में पुरुषों के छठ करना दानी कर्ण का भगवान सूर्य की आराधना से जुड़ा है। यहां के लोग खुद को कर्ण का वंशज मानते हैं। अब इक्का दुक्का महिलाओं ने व्रत करना शुरू कर दिया है।

Kunal Gupta
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