Bihar;गांव में अत्याचार बर्दाश्त नहीं कर सकी बिहार की ऋषु, अब वर्दी पहनकर दिला रही महिलाओं को न्याय..
मुंगेर, [हैदर अली]। ऋषु कुमारी ने अपने दम पर खुद की पहचान बनाई है। गांव में महिलाओं पर होते अत्याचार को ऋषु बर्दाश्त नहीं कर सकी। महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और ज्यादती से छुटकारा दिलाने के लिए खाकी को चुना। ऋषु जानती थी कि वर्दी पहनकर ही समाज में महिलाओं को न्याय दिला सकते हैं। ऋषु ने वर्दी पहने के लिए कड़ी मेहनत शुरू कर दी। करियर को नया रूप दिया।
2018 में दारोगा की परीक्षा पास कर गई। अपने गांव की लाडली बेटी ऋषु दरोगा बन गई। ऋषु वर्तमान में कोतवाली थाना में कार्यरत हैं। इन्होंने एक वर्ष के दौरान दर्जनों महिलाओं को न्याय दिलाया। ऋषु अपनी सफलता के पीछे पिता विनोद कुमार और मां मंजू देवी को श्रेय देती है। महिला दारोगा बताती हैं कि माता-पिता ने हर मोड़ पर साथ दिया। हौसला कम नहीं होने दिया। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर रहने के बाद भी पिताजी हमेशा खड़े रहे। ऋषु कहती है कि वह आज जो कुछ भी हैं पिताजी की बदौलत है।
पुलिस अधीक्षक व थानाध्यक्ष का मिल रहा मागर्दशन
कोतवाली थाना में प्रतिनियुक्ति होने के बाद दर्जनों मामले का निपटारा किया। सादीपुर में एक दुष्कर्म का मामला का पर्दाफाश किया। पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने का काम किया। हवेली खड़गपुर थाना के क्षेत्र में एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। ऋषु ने दुष्कर्म की शिकार पीड़ित बच्ची को काउंसिलिंग कर जिंदगी की नहीं राह दिखाई। दुष्कर्मी को जेल भेजी।
दुष्कर्म पीड़िता को दिलाया न्याय
इस तरह के कई मामलों को ऋषु ने सुलझाया। ऐसे कई मामले जिसे चंद दिनों में ही निपटाने का काम की। ऋषु ने कहा कि समय-समय पर पुलिस अधीक्षक जग्गुनाथ रेड्डी जलारेड्डी और कोतवाली थानाध्यक्ष धीरेंद पांडेय का मागर्दशन मिलता है। कोई भी केस को सुलझाने में काफी मदद करते हैं। ऋषु ने महिलाओं से जुल्म और अत्याचार नहीं सहन करने की अपील की है।
ऋषु ने कि कहा जुल्म और अत्याचार सहना उतना ही अपराध है जितना जुल्म करने वाला होता है। महिलाओं, युवतियों को किसी तरह से कोई परेशान कर रहा है तो सीधा संबंधित थाना में शिकायत करें, पुलिस आपके साथ है। हर संभव मदद मिलेगा।