होती रही बारिश, भीगते रहे राहुल गांधी, हजारों की भीड़ में बोले- हमें कोई नहीं रोक सकता
नई दिल्ली।
Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) निकाल रहे हैं. यात्रा के 25 वें दिन की यात्रा की समाप्ती के दौरान सामने खड़े जनसमूह को संबोधित कर रहे थे. तभी वहां पर बारिश होने लगी बावजूद इसके वो जनसभा को संबोधित करते रहे.
बारिश में भीगते हुए ही उन्होंने अपना संबोधन पूरा किया और इस दौरान उन्होंने सामने खड़े जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को एकजुट करने से हमें कोई नहीं रोक सकता है. हमें भारत की आवाज़ उठाने से कोई नहीं रोक सकता है. उन्होंने आगे कहा कि हमारी यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाएगी. हमको भारत जोड़ो यात्रा से कोई भी नहीं रोक सकता है.
उनकी यह यात्रा आज कर्नाटक में थी और इस दौरान वह मैसूर के पास बदनवालु गांव में एक खादी कोऑपरेटिव पहुंचे. उन्होंने कहा कि1932 में उत्पादन वहां पर उत्पादन शुरू हुआ था और महात्मा गांधी यहां पर दो बार 1927 और 1932 में आए थे. उन्होंने ही यहां पर इस कोऑपरेटिव युनिट को स्थापित करने में मदद की थी.
‘गांधी की विरासत को हथियाना आसान लेकिन…’
रविवार 02 अक्टूबर की सुबह ही राहुल ने गांधी जयंती के अवसर पर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी की विरासत को हथियाना तो आसान है लेकिन उनके पदचिन्हों पर चलना बेहद मुश्किल है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि हम भारत के महान सपूत को याद करते हैं तथा उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. हमारे इस स्मरण ने इस बात को और मर्मस्पर्शी बना दिया है कि हम भारत जोड़ो यात्रा के 25वें दिन में यात्रा पर हैं, ऐसी पदयात्रा जिसमें हम उनके अहिंसा, एकजुटता, समानता और न्याय के पथ पर चल रहे हैं.
स्वराज्य के संदेश को बढ़ाएंगे आगे
राहुल गांधी ने कहा कि जिस तरह से गांधी जी ने ब्रिटिश राज से लड़ाई लड़ी, वैसे ही हमने गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा से लड़ने की शुरुआत की है. इस विचारधारा ने पिछले आठ वर्ष में असमानता, विभाजन और कड़ी मेहनत से हासिल की गयी आजादी का क्षरण किया है. हिंसा तथा असत्य की इस राजनीति के खिलाफ, भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक अहिंसा और स्वराज के संदेश को फैलाएगी.
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल गांधी ने कहा कि स्वराज के विभिन्न मायने हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे राज्यों की अपनी संवैधानिक स्वतंत्रता और हमारे गांवों को पंचायती राज व्यवस्था के तहत कार्य करने की स्वतंत्रता है. राहुल गांधी ने कहा कि यह खुद की भी विजय है चाहे वह भारत यात्री हो जो 3,600 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं या लाखों नागरिक हो जो कम समय के लिए हमारे साथ चल रहे हैं.