Sunday, September 22, 2024
Vaishali

बिहार : 660 मिनट तक वर्दी को छकाती रही बबीता, इंटरनेट मीडिया पर वायरल होता रहा युवी का फोटो

 

प्रकाश वत्स, पूर्णिया। शहर के सुभाषनगर से बुधवार की सुबह चार वर्षीय स्कूली छात्र सह व्यवसायी पुत्र के घर के सामने से अपहरण की सूचना ने एकबारगी पूरे शहर को सकते में डाल दिया था। अपहरण की आरोपित बबीता कुमारी पूरे 660 मिनट तक वर्दी को छकाती रही। पूरे शहर में पुलिस की गाडिय़ां दौड़ती रही और पीडि़त व्यवसायी के घर लोगों का जमावड़ा रहा। राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं की चहलकदमी भी तेज हो गई और स्वजनों की बेचैनी बढ़ती गई। इस दौरान अपहृत बालक युवी उर्फ सारांश की तस्वीर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होता रहा है और हर चौक-चौराहों पर बस अपहरणकांड की ही चर्चा होने लगी।

सुबह करीब आठ बजे सुभाषनगर वासी सह व्यवसायी राकेश रंजन अपने चार वर्षीय इकलौते पुत्र को बगल के ही प्ले स्कूल पहुंचाने की तैयारी में थे। मां ने बच्चे को तैयार कर दिया था और नित्य की तरह बालक घर के सामने सड़क पर पापा के घर से बाइक निकालने का इंतजार कर रहा था। इधर बाइक निकालने में राकेश रंजन को बमुश्किल पांच मिनट लगे होंगे,इसी दौरान बालक गायब हो गया। स्वजन बालक के इधर-उधर घूमने की बात सोच उसकी तलाश करने लगे। इस दौरान तकरीबन 30 मिनट तक की तलाश के बाद भी बालक का पता नहीं चलने पर स्वजनों के होश उड़ गए और तरह-तरह की आशंका उन्हें घेरने लगी।

सूचना मिलते ही हरकत में आई पुलिस, खंगालने लगी सीसीटीवी फुटेज

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल हरकत में आ गई। एसपी के निर्देश पर सदर एसडीपीओ के साथ-साथ सहायक खजांची हाट थाना, मरंगा थाना, मधुबनी टीओपी, खजांची हाट सहित अन्य थानों की पुलिस लगातार मामले की जांच में जुट गई। शहरी परिक्षेत्र से लगे तमाम थानों को भी तत्काल अलर्ट कर दिया गया और पुलिस घटना स्थल के आसपास के सभी रुटों में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुट गई। इसी क्रम में केपी मार्केट से उफरैल चौक जाने वाली सड़क पर लगे एक सीसीटीवी फुटेज में दिखे एक काले रंग के स्कार्पियो ने पुलिस की नींद हराम कर दी। पुलिस ने तत्काल मरंगा टाल प्लाजा आदि का सीसीटीवी फुटेज भी खंगालना शुरु कर दिया, लेकिन पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगा।

 

टोटो से बालक को लेकर निकल गई थी बबीता, चेहरे पर नहीं थी शिकन

बालक के अपहरण के आरोप में शहर के कौशिकीनगर, डीएवी चौक से किराए के मकान से गिरफ्तार बबीता कुमारी ने पुलिस को जो आरंभिक जानकारी दी है, उसके अनुसार वह बालक को टोटो पर लेकर निकली थी। यद्यपि उसके मानसिक रुप से बीमार रहने की बात भी सामने आ रही है, लेकिन पुलिस फिलहाल किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। बबीता बालक को लेकर कोैशिकी नगर स्थित अपने मकान पर चली गई और वहां वह बालक को एक कमरे में छुपाकर रखी थी। इसी दौरान बालक के रोने की आवाज सुन मकान मालिक को शक हुआ और उसने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय निवर्तमान वार्ड पार्षद के साथ-साथ पुलिस को भी दी। पुलिस ने तत्काल पूरे मोहल्ले को घेर लिया और फिर बालक को बरामद करते हुए महिला को भी गिरफ्तार कर लिया।गिरफ्तारी के बाद भी महिला के चेहरे पर कोई शिकन नहीं था। वह यह कहते जोर-जोर से चिल्लाने लगी कि यह बालक उसका है।

घटना के बाद से बदहवाश पड़ी रही मां, स्थानीय लोगों ने की पुलिस की मदद

बालक के अपहरण के बाद से उसकी मां घर में बदहवाश पड़ी रही। रिश्तेदारों का जमघट लगना शुरु हो गया। इधर मोहल्ले वासियों के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक व गैर राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोग पुलिस कार्रवाई में पूर्ण सहयोग देते रहे। एक बालक के कौशिकीनगर में एक महिला के कब्जे में रहने की बात भी मकान मालिक के साथ-साथ आम लोगों के माध्यम पुलिस तक पहुंचने लगी। साथ ही मोहल्ले में छापेमारी के दौरान भी पुलिस के साथ लोगों का हुजूम मौजूद रहा। इसके अलावा चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक मयूरेश गौरव, बच्चों के लिए कार्य करने वाले सुमित प्रकाश जैसे लोगों की सक्रियता भी रही।

घटना के बाद से ही घनघनाने लगा था एसपी सहित थानेदारों का फोन

घटना की सूचना जंगल में आग की तरह पूरे शहर में फैल गई। सूचना मिलते ही राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं का जमावड़ा भी पीडि़त के घर लगने लगा। साथ ही सत्तारुढ़ दलों के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं का फोन पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचने लगा। शहर में लग्जरी गाडिय़ों की दौड़ भाग बढ़ गई। खासकर हाल के दिनों में इस तरह की इस पहली घटना ने हर किसी के मन को सशंकित कर दिया था।

निजी स्कूलों के सामने छुट्टी से पहले ही लग गया था अभिभावकों का जमावड़ा

इस घटना से खासकर स्कूली बच्चों के अभिभावकों में एक अज्ञात भय पैदा कर दिया था। आलम यह था कि बुधवार को विभिन्न निजी स्कूलों में छुट्टी के समय से आधा घंटा पूर्व से ही अभिभावकों का जमावड़ा लग गया था। बस आदि से बच्चे को स्कूल भेजने वाले अभिभावक स्कूलों के निदेशकों व शिक्षकों को फोन करने लगे थे।

Kunal Gupta
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