मनोकामना पूर्ति के लिए नवरात्रि अष्टमी, नवमी पूजा में जरूर करें ये काम,जानें…
नवरात्रि के दौरान विशेष तिथि में कुछ खास उपाय करने से मां दुर्गा अपने भक्त की मनोकामना पूरी करती हैं. धन प्राप्ति, शुत्र, रोग, ग्रह दोष, रोजी-रोजगार में बाधा, विवाह में विलंब, घर में सुख-समृद्धि शांति के लिए आगे बताये गये उपाय कर सकते हैं. ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ एनके बेरा के अनुसार जानें. नवरात्रि में अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मां दुर्गा की पूजा कैसे करें और उपाय क्या है?
रोजी-रोजगार में बाधा निवारण के लिये
नवरात्र के अष्टमी एवं नवमी को जो भी भक्त पत्र, पुष्प, अर्घ, धूप, दीप, गन्ध आदि से पूजन करके एकाग्रचित होकर मां दुर्गा की स्तुति करते हैं तथा निम्नलिखित मंत्रों का 5 माला जप करते हैं उसकी नौकरी व्यवसाय तथा कर्मक्षेत्र में सभी बाधाएं निश्चय ही दूर होती हैं.
मंत्र-सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि . एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनाशनम् ..
विवाह में बिलम्ब तथा समस्या निवारण के लिये
अपनी संतान का सही समय पर विवाह होना हर माता-पिता की कामना होती है. योग्य वर या अच्छी मनोनुकूल कन्या की प्राप्ति की आशा में समय बीतता चला जाता है व शादी की उम्र निकलने लगती है. यदि आप भी इस परेशानी के दो राहों पर खड़े हैं तो आपको यह प्रयोग करना चाहिये. यह प्रयोग विवाह योग्य वर या कन्या को ही करना श्रेयस्कर होता है.
नवरात्रि के महाष्टमी को प्रातः उठकर 9 बार नवदुर्गा को प्रणाम करते हुए इस मंत्र का 5 माला पाठ करें-सर्व मंगल मङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके . शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोअस्तुते ..
इसके बाद मां दुर्गा से प्रार्थना करें कि आपको आपके मनोनुकूल जीवन संगिनी मिले. आपको मां की कृपा से अवश्य ही वैसी जीवन संगिनी मिलेगी.
ग्रह-दोष, भूत-प्रेत अदृष्ट उपद्रवों के शमन के लिये
ग्रहदोष, दुर्घटना, रोग, शत्रु, अकालमृत्यु भय आदि से रक्षा के लिये नवरात्र के अष्टमी और नवमी को निम्नलिखित मंत्रों का 5 माला जप करें. मंत्र-ऊँ दुर्गे दुर्गे रक्षणि स्वाहा.
संतान प्राप्ति के लिये
वह स्त्री जिसे संतान प्राप्ति नहीं हो रही है. किसी देवदोष के कारण या ग्रह नक्षत्रों की दुविधा के कारण उस अवस्था में यह प्रयोग किया जा सकता है परन्तु यदि पुरूष अथवा स्त्री में मेडिकली कोई दोष है तो उसके लिये तो डॉक्टर से ही सलाह लेना उचित होगा.
नवमी के दिन सवेरे ब्रह्म मुहूर्त में मां दुर्गा की पूजा करें.
आप इस साधना के लिये उत्तर की तरफ मुंह करके बैठें.
मां दुर्गा के मन्दिर में या घर में जहां नवरात्र के अनुष्ठान हो रहे हैं या अपने घर के किसी पवित्र स्थान पर सामने बाजोट रखकर उस पर पीला वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा के यंत्र या चित्र रखें
घी का दीपक प्रज्वलित करें. फिर कुंकुम-अक्षत, पुष्प, नैवेद्य अर्पित करें.
तत्पश्चात मां दुर्गा का ध्यान करें तथा रूद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 5 माला जप करें-ऊँ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः. मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय ..
परिवार में सुख-समृद्धि के लिये
यदि परिवार में सब कुछ करने के बाद भी समृद्धि नहीं है. अभाव ही अभाव नजर आ रहे हों. पत्नी का रूठना, कभी मां-बाप की नाराजगी, भाइयों से वैर-विरोध, छोटी-छोटी बातों को लेकर गृह कलह होता है, तो नवरात्रि के महाअष्टमी के दिन दुर्गा मां को लाल पुष्प चढ़ायें. विधिवत पूजा करें तथा रूद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 108 बार जप करें. मंत्र-करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी. शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः .