Tuesday, November 26, 2024
Vaishali

बिहार सरकार का यह अधिकारी जो आफिस में लगाता है झाड़ू, मजबूरी है या फिर…

 

मोतिहारी (पूर्वी चंपारण), [संजय कुमार सिंह]। जिस धरती से गांधीजी ने स्वच्छता का संदेश दिया था, वहां संकल्प की साधना से यह संस्कार बन गई है। इसे विद्यालयों में शिक्षकों के साथ बालमन से जोड़ने का अभियान चल पड़ा है। स्वच्छता की राह में सालभर पहले उठाया गया एक कदम अब कारवां बन चुका है। यह सब हो रहा है जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) संजय कुमार की पहल पर, जिन्होंने सरकारी विद्यालयों और कार्यालयों में सफाई को लेकर बने सारे मिथक तोड़ दिए। उनकी एक कोशिश ने न सिर्फ तस्वीर बदल दी है, बल्कि स्वच्छता को संस्कार में उतार दिया है। अब इस अभियान को विभागीय स्तर पर माडल बनाने की तैयारी है। बिहार शिक्षा परियोजना ने सफाई अभियान पर प्रेजेंटेशन देने को कहा है।

विद्यालयों से भी जुड़ी मुहिम

डीईओ ने बीते वर्ष जुलाई में योगदान के साथ ही सफाई को लेकर अभियान शुरू किया था। उन्होंने झाड़ू लेकर अपने कार्यालय कक्ष और परिसर की स्वयं सफाई शुरू की थी। उन्होंने इसे ‘आपरेशन पासिबल’ नाम दिया। उन्हें देख कार्यालय के सभी कर्मी इसमें जुट गए। यह सिलसिला चल पड़ा और आदत में शामिल हो गया। अप्रैल, 2022 में इसे जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में शुरू कर दिया गया। इसके लिए प्रत्येक माह के दूसरे एवं चौथे शनिवार का दिन निर्धारित किया गया है। इस दिन डीईओ सहित सभी विभागीय अधिकारी और कर्मी कार्यालय सहित परिसर की सफाई करते हैं। वहीं, विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में शिक्षक और छात्र अभियान से जुड़ते हैं।

शैक्षणिक कोषांग की टीम कर रही निगरानी

डीईओ का कहना है कि ‘आपरेशन पासिबल’ सफलता के साथ संचालित किया जा रहा है। कार्यालय से लेकर विद्यालयों तक को इससे जोड़ा गया है। इसके क्रियान्वयन और निगरानी के लिए अधिकारियों के साथ ही शैक्षणिक कोषांग की टीम को जिम्मेदारी दी गई है। समय-समय पर इसका मूल्यांकन किया जा रहा है। ग्रेडिंग सिस्टम से जुड़ने के कारण सभी विद्यालयों के शिक्षक और बच्चे रुचि ले रहे हैं। पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर आयोजित जिलास्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में विशेष पुरस्कार के लिए 81 प्रारंभिक विद्यालयों का चयन किया गया था। यहां के प्रधानाध्यापकों को जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने सम्मानित किया था। सभी विद्यालयों के चयन का एक आधार स्वच्छता भी था। अब 14 नवंबर को बाल दिवस पर भी माध्यमिक विद्यालयों का चयन किया जाएगा। पूर्वी चंपारण जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि जिले में शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव के लिए कई तरह की गतिविधियां संचालित हो रही हैं। उनके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ऐसी कोशिशों में निरंतरता बनाए रखने की आवश्यकता है।

Kunal Gupta
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