रितिका का स्कूल बैग, धूप और बरसात की नहीं है चिंता, उठाओ और चल दो, मिलेगा इंस्पायर अवार्ड.
भागलपुर। शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आयोजित होने वाले इंस्पायर अवार्ड में भागलपुर की रितिका सहित 24 छात्रों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता के लिए हुआ है। चयनित छात्र अब 14 से 16 सितंबर तक नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय प्रदर्शनी सह परियोजना प्रतियोगिता (एनएलइपीसी) में भाग लेंगे। प्रदर्शनी में प्रतिभागी अपने माडल का प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले 29 -30 अगस्त को पटना में आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी सह परियोजना प्रतियोगिता (एसएलइपीसी) में राज्य के विभिन्न जिलों के बच्चों द्वारा तैयार माडल की प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें 24 छात्रों के माडल को राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया।
भागलपुर की रितिका सहित राज्य के 24 छात्र-छात्राओं का राष्ट्रीय स्तर पर इंस्पायर अवार्ड के लिए हुआ चयन
चयनति बच्चों की सूची में सहरसा के एक, लखीसराय के दो, जमुई के दो और खगड़िया के एक छात्र शामिल
चयनित छात्र 14 से 16 सितंबर तक नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय प्रदर्शनी में लेंगे भाग
प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के बच्चों के माडल का भी किया गया चयन
जिला स्कूल प्रतिभागी का नाम माडल
सहरसा आदर्श आवासीय मध्य विद्यालय शिक्षक संघ कुमारी मौसम फैक्चर बेल्ट
लखीसराय मध्य विद्यालय डुमरी श्रीकृष्ण ओपन डरेन
लखीसराय यूएमएस पीरगौरा अजय कुमार साइकलिंग राइस
जमुई आवासीय विद्यालय सिमुलतल्ला रोहित राज जीरो टीलेज
जमुई बीएस जमुई दिपांशु कुमार सीड सोवइंग
खगड़िया यूएचएस माली बेलदौर सुशांत कुमार मल्टी स्प्रींक्लर
तीन अगस्त को पटना में आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी सह परियोजना प्रतियोगिता (एसएलइपीसी) में राज्य के विभिन्न जिलों के बच्चों द्वारा तैयार माडल की लगाई गई थी प्रदर्शनी।
रितिका ने बनाया माडल स्कूल बैग : एनके हाइ स्कूल झंडापुर, बिहपुर की छात्रा रितिका कुमारी ने माडर्न स्कूल बैग तैयार किया। रितिका द्वारा तैयार किए गए स्कूल बैग में कैप (टोपी) लगाया गया है। इस कारण बच्चों को धूप और गर्मी से बचाने में माडर्न स्कूल बैग काफी कारगर साबित होगा। झंडापुर निवासी शंभू राय और चंदा देवी की पुत्री रितिका ने कहा कि जब मैं मध्य विद्यालय चौधरी टोला झंडापुर में कक्षा सात की छात्रा थी, उसी समय शिक्षकों ने इंस्पायर अवार्ड के बारे में जानकारी दी। सभी छात्र-छात्राओं से कहा गया कि कोई मौलिक आइडिया हो, तो शेयर करें।
स्कूल से लौटने के समय मैंने देखा कि पीठ पर स्कूल लादे बच्चे परेशान होकर घर जा रहे हैं। उसी समय मैंने सोचा कि अगर बैग में कैप हो, तो यह बच्चों को धूप, बरसात से बचा सकता है। मैंने अपना आइडिया विज्ञान शिक्षक आशीष ठाकुर से साझा की। उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया। मेरे भाई आयुष ने भी खूब मदद की। पहले जिला और उसके बाद राज्य स्तर पर मेरे माडल का चयन किया गया। दस हजार रुपये मिलने के बाद मैं माडल को धरातल पर उतराने में सफल रही। मार्डन स्कूल बैग पूरी तरह से वाटरप्रूफ है। इस कारण बरसात में किताब-कांपी भींगने की संभावना भी काफी कम हो जाएगी। रितिका ने कहा कि मैं पढ़ लिख कर आइएएस बनना चाहती हूं।