150 बच्चे को आप कैसे पढ़ाती हैं? मीनाक्षी ने दिया जवाब-मैं हूं ना, भागलपुर की इस शिक्षिका का वीडियो वायरल
भागलपुर। बिहार की एक शिक्षिका का पढ़ाते हुए वीडियो लगातार वायरल हो रहा है। सरकारी स्कूल की यह शिक्षिका बिहार के भागलपुर की है। लोग उनके पढ़ाने की शैली की खूब प्रशंसा कर रहे हैं। वायरल वीडियो पर लगातार कमेंट आ रहे हैं। कमेंट में शिक्षिका की प्रशंसा भी की जा रही है। एक यूजर ने लिखा है कि ऐसी शिक्षिका पर शिक्षा जगत को नाज है। टीचर्स ऑफ बिहार ने शिक्षिका के पढ़ाते हुए कई वीडियो को इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर पोस्ट किया है।
प्राथमिक विद्यालय अंबा कन्या (शाहकुंड प्रखंड, जिला-भागलपुर) की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रॉय मिनाक्षी जितेंद्र सिंह। उनके पढ़ाने की अद्भुत शैली की काफी प्रशंसा हो रही है। गजब है इनका अंदाज, बच्चे हो जाते हैं खुश। pic.twitter.com/ccHdN7jv2u
हम बात कर रहे हैं रॉय मीनाक्षी जितेंद्र सिंह की। बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत शाहकुंड प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय अंबा कन्या की प्राभारी प्रधानाध्यापिका रॉय मीनाक्षी जितेंद्र सिंह अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है। टीचर्स ऑफ बिहार (टीओबी) ने उनकी प्रतिभा को काफी पहले ही पहचाना लिया था। इसके बाद टीओबी ने उन्हें कई टिप्स दिए। अन्य शिक्षकों को प्रेरित करने के लिए टीचर्स ऑफ बिहार ने मिनाक्षी के पढ़ाते हुए कई वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर साक्षा कर दिया। इसके बाद तो मिनाक्षी की ख्याति काफी बढ़ गई।
प्राथमिक विद्यालय अंबा कन्या (शाहकुंड प्रखंड, जिला-भागलपुर) की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रॉय मिनाक्षी जितेंद्र सिंह। उनके पढ़ाने की अद्भुत शैली की काफी प्रशंसा हो रही है। गजब है इनका अंदाज, बच्चे हो जाते हैं खुश।@teachersofbihar @JagranNews pic.twitter.com/AysDU9O5GO
मीनाक्षी के बच्चों को पढ़ाने का अंदाज इतना रोचक है कि बच्चे इनके कक्षा को छोड़ना नहीं चाहते। छात्र-छात्राएं रोज विद्यालय आते हैं। हल्के अंदाज में कठिन से कठिन पाठ्य को बच्चे तुरंत ग्रहण कर लेते हैं। पढ़ाने के दौरान शिक्षिका के अभिनय की भी प्रशंसा हो रही है।
टीचर्स ऑफ बिहार को धन्यवाद दिया
मीनाक्षी ने टीचर्स ऑफ बिहार (TOB) को धन्यवाद दिया है। कहा कि टीओबी ने हमें बेहतरीन मंच दिया। टीचर्स ऑफ बिहार की स्टेट टीम लीडर खुशबू कुमारी (भागलपुर जिला Mentor) की खूब प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि खुशबू मैम के कारण ही मुझे इतनी प्रसिद्धि मिली।
महाराष्ट्र में हुई प्रारंभिक शिक्षा
रॉय मीनाक्षी जितेंद्र सिंह ने मैट्रिक की पढ़ाई नागपुर, महाराष्ट्र में की है। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद रॉय Kamleshwar, Nagpur के Ispat Industries Pvt. Ltd में Assistant Manager थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वहीं हुई। पिता के निधन के बाद वे अपनी मां सुमित्रा राय के साथ गांव आ गईं। आगे की पढ़ाई उन्होंने एसएम कॉलेज भागलपुर से की। उन्होंने ऑफिस मैनेजमेंट में स्नातक किया। इसके बाद इग्नू से डिप्लोमा इन प्राइमरी एजुकेशन किया।
कौन हैं रॉय मीनाक्षी जितेंद्र सिंह
स्व. जितेंद्र प्रसाद रॉय की पुत्री रॉय मिनाक्षी जितेंद्र सिंह भागलपुर की रहने वाली हैं। उनका मायका मकरंदपुर, पीरपैंती, भागलपुर है। उनकी शादी आलोक कुमार सिंह से हुई। आलोक मध्य विद्यालय प्रसस्तडीह, कहलगांव, भागलपुर में शिक्षक हैं। ससुराल भागलपुर जिले के अंबा (शाहकुंड) में है। वे अपने पति व ससुराल के अन्य सदस्यों के साथ बोस पार्क (बड़ी पोस्ट ऑफिस, भागलपुर) में रहती हैं।
परिवार का शिक्षा से है नाता
रॉय मीनाक्षी जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनका परिवार का शिक्षा से काफी पुराना नाता है। उनके पति आलोक कुमार सिंह मध्य विद्यालय प्रसस्तडीह, कहलगांव, जिला-भागलपुर में शिक्षक हैं। उनके ससुर देवेंद्र प्रसाद सिंह मोदनारायण उच्च विद्यालय अंबा में शिक्षक थे। सेवानिवृत हो चुके हैं। उनकी सास इंदू सिंह भी शिक्षिका थी। भागलपुर के खलीफाबाग चौक स्थित मध्य विद्यालय सारो साहुन से वे सेवानिवृत हुई हैं। मीनाक्षी और आलोक को एक पुत्र और एक पुत्री है। उनके दोनों संतान पावनी राज (वर्ग- षष्ठ) और मृदुल राज (वर्ग- नवम) काफी मेधावी हैं। मिनाक्षी ने बताया कि वे पहले शिक्षा मित्र थीं। शादी के बाद भी उनकी पढ़ाई जारी रही। फिर शिक्षिका बनीं।
150 बच्चों पर दो शिक्षिकाएं
प्राथमिक विद्यालय अंबा कन्या में दो शिक्षिकाएं हैं। रॉय मीनाक्षी जितेंद्र सिंह प्रभारी प्रधानाध्यापिका हैं। एक अन्य शिक्षिक कल्पना कुमारी हैं। कल्पना बांका जिले के अमरपुर की रहने वाली हैं। विद्यालय में 150 छात्र-छात्राएं हैं। वर्ग एक से पंचम तक की पढ़ाई होती है। पांच कक्षाओं के 150 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी इन्हीं दोनों शिक्षिकाओं पर है। इसके अलावा मीनाक्षी को वहां प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी भी है। जैसे मीनाक्षी से पूछा गया कि 150 बच्चों को आप कैसे संभालतीं हैं तो उनका जवाब था-मैं हूं ना। हालांकि, उन्होंने कहा कि परेशानी तो काफी होती है, लेकिन जो व्यवस्था है उसी में बेहतर करने का प्रयास करते हैं। दो कमरे में ही सभी छात्र-छात्राओं को बैठाते हैं। पहली व दूसरी कक्षा की पढ़ाई एक कमरे में और तीसरी, चौथी व पांचवीं की पढ़ाई दूसरे कमरे में होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षिका कल्पना का उन्हें काफी सहयोग मिलता है। हाल में दो टोला सेवक को यहां बहाल किया गया है।
मीनाक्षी से अन्य शिक्षक लें प्रेरणा
टीचर्स ऑफ बिहार के भागलपुर जिला Mentor खुशबू कुमारी ने कहा कि टीचर्स ऑफ बिहार परिवार धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। बिहार की सबसे बड़ी प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी टीचर्स ऑफ बिहार का मकसद बिहार के शिक्षकों द्वारा किए गए नवाचारी प्रयोगों को सामने लाना है और इसी क्रम में रॉय मीनाक्षी जितेंद्र सिंह का यह वीडियो पूरे भारत में वायरल हो रहा है। सरकारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा संचालित होने वाला यह पहला मंच है, जिसका लक्ष्य बिहार के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के कर्तव्यों को सबके सामने लाने का है और इसमें हम धीरे-धीरे कामयाब हो रहे हैं। उन्होंने मीनाक्षी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। कहा कि मीनाक्षी से अन्य शिक्षकों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
शिक्षकों के लिए बेहतरीन मंच है टीओबी
टीचर्स ऑफ बिहार के फाउंडर शिव कुमार ने कहा कि बिहार के शिक्षक नवाचारी तरीके से बच्चों के साथ सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को काफी आगे बढ़ा रहे हैं। पूर्व में इस तरह की गतिविधियां विद्यालय तक ही सीमित रह जाती थी, लेकिन यह मंच अब इसे विश्वव्यापी बनाने का अभियान बना चुका है। उन्होंने बिहार के शिक्षकों की अपील की है कि वह इस मंच के माध्यम से सभी को बताएं कि हम किसी से कम नहीं। अब हमारे बिहार के सरकारी विद्यालय बदल रहे हैं, हमारा बिहार बदल रहा है। वह दिन दूर नहीं, जब बच्चे यहां के सरकारी स्कूलों में पढ़कर गौरवान्वित होंगे