बिहार: तिरंगे में लिपटकर पहुंचा घर का इकलौता चिराग सुधांशु कुमार, 2 साल की ड्यूटी, देशसेवा में न्योछावर किए प्राण..
बांका: गलवान घाटी में बायलर विस्फोट में बलिदान हुए बिहार के सुधांशु कुमार उर्फ राहुल का पार्थिव शरीर देर रात उनके गांव सकहरा पहुंचा। सुबह लोगों की भीड़ अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ी। इस क्रम में बीडीओ राजकुमार पंडित सहित अन्य प्रशासन की टीम पहुंची। ग्रामीण सुधांशु अमर रहे, भारत माता की जय आदि नारे लगाते रहे। हाथों में तिरंगा लिए ग्रामीण शव यात्रा में शामिल हुए।
ज्ञात हो कि सहकार गांव निवासी राजेश कुमार चौधरी के 22 वर्षीय पुत्र सुधांशु कुमार उर्फ राहुल बलवान घाटी में बीते 21 अगस्त को वायलर फटने से गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे । इलाज के लिए से चंडीगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 30 अगस्त को जवान का निधन हो गया। रात में पटना तक जवान का शव हवाई मार्ग आया। वहां से सेना की टुकड़ी के साथ सड़क मार्ग से जवान का शव गांव लाया गया। सांसद गिरिधारी यादव, स्थानीय विधायक भूदेव चौधरी सहित अन्य ने शोक प्रकट किया है। अंतिम दर्शन और अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे युवा, ‘भारत माता की जय, जबतक सूरज चांद रहेगा-सुधांशु तुम्हारा नाम रहेगा, सुधांशु कुमार अमर रहें’ का नारा लगाते रहे।
2020 में हुई थी सुधांशु की नियुक्ति
सुधांशु कुमार पिता राजेश चौधरी और मां संगीता देवी का इकलौता था।
परिजनों के मुताबिक घटना की सूचना के बाद सुधांशु के माता-पिता चंडीगढ़ पहुंच चुके थे।
जवान के घर पर परिजनों को ढांढस बंधाने गांव सहित आसपास से काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
सुधांशु की वायरलेस आपरेटर के पद पर 2020 में नियुक्ति हुई थी।
मृतक जवान को एक छोटी बहन मोनिका कुमारी है, जिसकी अभी हाल में ही शादी हुई थी।
मृतक जवान के दादा अनंत चौधरी समेत अन्य परिजनों का रोते-बिलखते बुरा हाल है।
शहादत पर नमन करने के लिए कई गांवों से लोग सुधांशु के गांव पहुंचे हैं।