दमन में देह व्यापार के दलदल से बच निकली अररिया की अनाथ लड़की, IAS इनायत खान ने दिया पूरा साथ
अररिया: सिर से मां बाप का साया उठा, तो अररिया की लड़की नौकरी की तलाश में केंद्र शासित राज्य दमन तक पहुंच गई। वहां उसे देह व्यापार के दलदल में ढकेलने का प्रयास किया गया। किसी तरह जान बचाकर वो दमन के एक महिला थाना तक पहुंची। करीब दो महीनों तक दमन प्रशासन द्वारा युवती को वन स्टाप सेंटर दमन में रखा गया। जहां जांच के क्रम में ये पता चला कि युवती बिहार के अररिया जिले की रहने वाली है। दमन जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद अररिया जिलाधिकारी इनायत खान से फोन पर वार्तालाप हुई। जिसके बाद इनायत खान के निर्देश पर दो महिला कांस्टेबल के साथ पीड़िता को अररिया लाया गया।
दरसअल, पूरा मामला अररिया की उस लड़की से जुड़ा है, जिसके पिता की मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई, इसके कुछ दिनों बाद मां ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया। परिवार में अन्य कोई सदस्य नहीं होने के कारण पीड़िता ने पड़ोसी से नौकरी के लिए मदद की गुहार लगाई गई। पड़ोसी ने नौकरी का दिलासा देकर दमन भेजा दिया। यहां उसे देह व्यापार के दलदल में धकेलने का प्रयास किया गया। युवती को जब इस बात का संदेह हुआ कि उसे बेचा जा रहा है, तब वो किसी तरह जान बचाकर स्थानीय थाने जा पहुंची।
पीड़िता इतनी डरी हुई थी कि वो महीनों तक अपने बारे में दमन प्रशासन को कुछ नहीं बता पाई। करीब दो महीनों तक दमन प्रशासन ने युवती को अपने पास रखा गया। फिर दमन जिलाधिकारी ने अररिया डीएम इनायत खान से फोन पर बात की। जिसके बाद डीएम के निर्देश पर युवती को दो महिला कांस्टेबल दमन रवाना हुई। वहां से पीड़िता को लेकर ये अररिया पहुंची फिर डीएसपी पुष्कर कुमार, अररिया वन स्टॉप सेंटर के परियोजना प्रबंधक वर्षा रानी, काउंसलर वर्षा राउत, महिला थानाध्यक्ष मेनका रानी की केमौजूदगी में मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में युवती का मेडिकल जांच कराया गया। फिलहाल युवती महिला थाना में मौजूद है और जिला प्रशासन द्वारा उसे गायघाट बालिका गृह भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
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डीपीओ ने सीएस को लिखा पत्र जांच के लिए किया अनुरोध
दमन जिलाधिकारी के फोन और अररिया जिलाधिकारी का मामले में संज्ञान लेने के बाद पूरा प्रशासनिक महकमा हरकत में आ गया। डीएसपी पुष्कर कुमार खुद महिला थाना पहुंचे। जहां पीड़ित युवती का बयान दर्ज किया गया। युवती के दिए गए बयान को दर्ज करते हुए हुए डीपीओ आईसीडीएस ने सीएस अररिया को पत्र भेजकर मेडिकल जांच का अनुरोध किया। युवती के मेडिकल टेस्ट के बाद उसे लगातार वन स्टाप सेंटर के निगरानी में रखा गया। इस दौरान डीएम ने लगातार उसके टच में रहीं। डीएम का खुद मामले की जानकारी लिए जाने के कारण प्रशासनिक महकमा सकते में नजर आया।
जिले में बालिकाओं के आश्रय के लिए नहीं है कोई व्यवस्था
इस पूरे मामले में एक बड़ा सवाल भी खड़ा हुआ है। अररिया जिले में किसी युवती के साथ दुर्घटना होने या अन्य कोई वारदात होने पर आश्रय की कोई व्यवस्था नहीं है। अररिया निवासी पीड़ित होने के बावजूद आश्रय की कोई कोई व्यवस्था न होने के कारण युवती को गायघाट पटना स्थित बालिका गृह में भेजा गया। 30 लाख से अधिक आबादी के बावजूद जिले में अब तक बालिका गृह आदि का निर्माण नहीं कराया गया है। कहने के लिए महिलाओं के मदद के लिए वन स्टाप सेंटर का तो संचालन तो किया जा रहा है। मगर इस सेंटर में आश्रय, भोजन और अन्य संसाधन की कमी के कारण फिलहाल ये महत्वपूर्ण सेंटर भी महिलाओं को आश्रय देने में असमर्थ हो रहा है। हालांकि, अब इसपर भी काम कराने की बात प्रशासन द्वारा कही जा रही है।