गंगा में उफान, जल स्तर 17 सेमी तक बढ़ने की आशंका, घाटों से लेकर घरों तक पानी, अंतिम संस्कार भी मुश्किल
पटना. पटना जिले में गंगा का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. शहर के दीघा घाट, गांधी घाट से लेकर हथिदह, मनेर, दानापुर, अथमलगोला, पटना सिटी से क्षेत्र सहित अन्य कई जगहों पर लगातार जल स्तर में वृद्धि हो रही है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को भी जिले में गंगा के जल स्तर में छह से 17 सेंटीमीटर तक बढ़ोतरी की आशंका है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार अभी दो दिन तक गंगा का जल स्तर बढ़ने की आशंका है. अप्रत्याशित जलवृद्धि के कारण जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क करने, रात में नावों का परिचालन नहीं करने आदि की सलाह दी गयी है. वर्तमान में जिले में गंगा नदी का वर्तमान में औसत अधिकतम जल स्तर से लगभग 1.5 से 2 मीटर नीचे है.
अंतिम संस्कार में परेशानी
बांस घाट और गुलबी घाट पर पानी भरने के कारण शवदाह व अंतिम संस्कार करने में लोगों को परेशानी हो रही है. केवल शवदाह गृह को छोड़ कर अन्य सभी जगहों पर पानी भर गया है. बिंद टोली के घरों कई फुट तक पानी भर गया है. दीघा के पाटीपुर घाट पर दियारा लोग नाव पर लद कर आ रहे हैं. डीएम के निर्देश पर मंगलवार को पटना सदर के सीओ द्वारा सदर अंचल में बिंद टोली, कुर्जी एवं अन्य क्षेत्र का जायजा लिया गया.
दीघा से लेकर गांधी घाट तक बढ़ा पानी
शहर में दीघाघाट में गंगा नदी का जल स्तर मंगलवार को खतरे के निशान से 16 सेंटीमीटर ऊपर, गांधी घाट पर खतरे के निशान से 89 सेंटीमीटर ऊपर दर्जकिया गया. हथिदह में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 66 सेंटीमीटर उपर था. यहां जल स्तर में बुधवार की सुबह आठ बजे तक 17 सेंटीमीटर तक बढ़ोतरी की आशंका जतायी गयी है.
बैरिकेडिंग कर रोका पर चल रहे वाहन
भद्र घाट से नौजर घाट के बीच सड़कों पर गंगा का पानी आ जानेसे अनुमंडल प्रशासन ने सोमवार शाम भद्र घाट व महावीर घाट के पास बांस की बैरिकेडिंग कर वाहनों का परिचालन रोक दिया था. हालांकि, इसके बाद मालवाहक वाहन लेकर चालक कंगन घाट के रास्ते आ रहे हैं. इतना ही नहीं, सड़कों पर गंगा के पानी में किशोर बच्चे नहा रहे हैं.
सात पंचायतों का संपर्क टूटा
मंगलवार को शाम छह बजे तक खतरे के निशान से पांच इंच ऊपर गंगा का पानी दर्ज किया गया. दियारा के तटवर्ती व निचले इलाकों में गंगा का पानी घुसा गया है. बाढ़ के पानी से दियारे में खेतों में लगी एक हजार एकड़ फसल डूब चुकी है. दियारे की सात पंचायतों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. दियारे में एक-गांव से दूसरे गांव जोड़ने वाली ग्रामीण सड़क पर बाढ़ का पानी आने से यातायात बंद हो गया है. कनीय अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि बताया कि शहरी व सेना क्षेत्र के सभी सुलिंग गेट व फाटक को बालू भरा बोरा से बंद कर दिया गया है.
दानापुर दियारा से कर रहे पलायन
अथमलगोला. प्रखंड की रामनगर दियारा पंचायत के लोग गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से आतंकित हैं. इस पंचायत के कई वार्ड में घरों में तीन फुट तक पानी घुस गया है. पंचायत का एक प्राइमरी स्कूल भी पानी में डूब गया है ट्रांसफार्मर भी डूबने के कगार पर है. एक से दूसरे टोल तक जाने वाली सड़कें टूट गयी है और सड़कों पर पानी बह रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि जल स्तर बढ़ता रहा, तो गांव पानी के चपेट में आ जायेगा.
सोन भी लाल निशान के ऊपर
सोन और गंगा नदी के जल स्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण मनेर के निचले इलाके में पानी घुस चुका है. कई गांवों से जुड़ने वाली सड़कों पर पानी आने से लोग परेशान हैं. वहीं नगर के अदलचक व दियारा के महावीर टोला, छिहत्तर का संपर्क बाजारों व सड़कों से टूट चुका है. बाढ़ के पानी से हल्दी छपरा, नयका टोला, इस्लामगंज, धजवा टोला सहित कई गांवों बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. इधर केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मनेर में सोन नदी 52.55 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही.