मुजफ्फरपुर में एक महिला ने ट्रेन में दिया बच्चों को जन्म,यात्रियों की निभाई अनूठी भूमिका.
मुजफ्फरपुर,। उदयपुर सिटी से न्यू जलपाईगुड़ी जा रही ट्रेन की स्लीपर बोगी में रविवार को एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर ट्रेन पहुंचने पर आरपीएफ की दारोगा सुष्मिता कुमारी और पिंकी ने महिला की सहायता की। कांस्टेबल राजेश कुमार और एलबी खान ने एंबुलेंस बुलाकर सदर हास्पिटल में भर्ती कराया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। हिना देवी पति सुरेंद्र बिंद और तीन बच्चों के साथ राजस्थान से घर आ रही थीं। सुरेंद्र बिंद ने बताया कि वे खगडिय़ा जिले के अलौली थाना क्षेत्र के मेघौना गांव के निवासी हैं। डाक्टर ने प्रसव की तिथि 21 अगस्त बताई थी। इस बीच सभी ट्रेन से चल दिए।
हाजीपुर से पहले ही दर्द होने लगा। सोचा, ट्रेन मुजफ्फरपुर जाएगी तो वहां डाक्टर से दिखा लेंगे। सिग्नल फेल होने की वजह से ट्रेन रास्ते में काफी देर तक रुक गई। इस बीच दर्द और बढ़ गया। इसकी जानकारी टीटीई को दी गई। चिकित्सक को ढूंढ़ा गया। इस बीच दो डाक्टर ट्रेन में मिल गए। उनके पास चिकित्सीय सामग्री भी थी। दोनों ने महिला यात्री से सहयोग लिया। उसके बाद महिला ने बच्चे को जन्म दिया। इस बीच ट्रेन मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंच गई। आरपीएफ की सूचना पर रेल चिकित्सक भी नर्स के साथ आ गए। उन्होंने जांच की और सदर अस्पताल में इलाज कराने को कहा। ट्रेन से उतरे दोनों डाक्टर दूसरी ट्रेन से गंतव्य के लिए गए।
गोरौल में सिग्नल पैनल फेल, डेढ़ घंटे विभिन्न स्टेशनों पर फंसी रहीं ट्रेनें
गोरौल स्टेशन के समीप रविवार को सिग्नल पैनल फेल होने से मुजफ्फरपुर-हाजीपुर और हाजीपुर-छपरा के बीच कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर डेढ़ घंटे फंसी रहीं। उदयपुर सिटी-न्यूजलपाईगुड़ी एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस, गोंदिया एक्सप्रेस, पाटलिपुत्र-समस्तीपुर इंटरसिटी ट्रेन सोनपुर से लेकर सराय तक फंसी रही। बताया जाता है कि गोरौल स्टेशन पर लगा सिग्नल संयंत्र मेंटनेंस के अभाव में खराब हो गया। सिग्नल का टीवी पैनल करीब डेढ़ घंटे तक खराब रहा। इसके चलते वह लाल हो गया। लाल सिग्नल होने से अप व डाउन लाइन की सभी ट्रेनें जहां-तहां विभिन्न स्टेशनों पर रुक गईं। सिग्नल सही होने के बाद में धीरे-धीरे ट्रेनों को गुजारा गया। ट्रेनों के रास्ते में रुके रहने से यात्री परेशान रहे। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर डेढ़ घंटे से अधिक देरी तक ट्रेन रुके रहने से यात्रियों की बेचैनी बढ़ गई। बार-बार मोबाइल पर देख रहे थे या फिर पूछताछ काउंटर पर जाकर ट्रेनों की जानकारी ले रहे थे। मुजफ्फरपुर आरआर पैनल पर स्टेशन मास्टर को कोई जानकारी नहीं थी।