भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर जमुई में प्रगट हो गए बड़े भाई बलराम, दर्शन करने उमड़ी भीड़..
जमुई। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव अर्थात कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर शुक्रवार की दोपहर प्रखण्ड क्षेत्र के लोहंडा गांव में शिव मंदिर स्थित तालाब से उनके अग्रज शेषनाग के अवतार भगवान बलराम की बहुमुखी सर्पक्षत्र की दुर्लभ प्राचीन मूर्ति निकली है। मूर्ति निकलने की बात सिकन्दरा में आग की तरह फैल गयी और धीरे-धीरे लोगों का वहां आने का सिलसिला शुरू हो गया। मूर्ति के दर्शन को लेकर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। तत्पश्चात इसकी सूचना गांव के बुद्धिजीवी लोगो को मिली तो सबों ने खुदाई वाले स्थान पर पहुंचकर प्राचीन बलराम की दुर्लभ मूर्ति को कपड़े से ढककर उसे उठाकर तालाब स्थित शिव मंदिर में लाकर रख दिया।
बाद में इसकी सूचना पुरातत्व विभाग के शोध अधिकारी को भी दिया। लोहंडा गांव के मिथलेश ङ्क्षसह और मुरारी सिंह ने बताया कि गांव के ही कुछ बच्चे तालाब किनारे मिट्टी की खुदाई कर रहे थे। इसी दौरान बच्चे को काले पत्थर दिखाई दिया। इसके बाद खुदाई के क्रम में की दुर्लभ मूर्ति का पूरा भाग सामने आ गया। हालांकि खुदाई के क्रम लोहे की खंती से मूर्ति पर चोट आने से कुछ निचला हिस्सा टूट गया और मूर्ति खंडित हो गई। बताया कि मूर्ति की लंबाई लगभग दो फीट है। फिलहाल यह अतिप्राचीन भगवान बलराम की मूर्ति को शिव मंदिर में रखकर पूजा अर्चना किया जाएगा। वैसे ग्रामीण इसे भगवान विष्णु की मूर्ति बता रहे हैं। बता दें कि इससे पूर्व चार मार्च 2022 को कुमार गांव के मां नेतुला मंदिर स्थित तालाब की सुंदरीकरण को लेकर चल रही खोदाई के दौरान भगवान की शिव की पाल कालीन नौवीं से दसवीं शताब्दी की दुर्लभ शिवलिंग निकली थी।
कहते है पुरातत्ववेता
काले पत्थर की यह दुर्लभ मूर्ति प्रारंभिक मध्यकाल के होने का अनुमान है। शेषनाग के अवतार बलराम और लक्ष्मण दोनों माने जाते हैं लेकिन बहुमुखी सर्प क्षत्र वाली यह मूर्ति बलराम की है। – डा रवि शंकर गुप्ता, पुरातत्ववेत्ता