Sunday, November 17, 2024
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Flood;नेपाल में लगातार हो रही वर्षा के कारण बिहार की नदियाें में उफान हैं, इससे बाढ़ का खतरा गहरा…

Flood;नेपाल में लगातार हो रही वर्षा के कारण बिहार की नदियाें में उफान हैं। इससे बाढ़ का खतरा गहरा गया है। कोसी, गंडक व बागमती नदियों खतरे के निशान से उपर हैं तो पटना में गंगा का जल-स्‍तर भी तेजी से बढ़ रहा है। जल संसाधन विभाग हाई अलर्ट पर है। कोसी नदी में जल-स्‍तर खतरनाक रूप से बढ़ने के कारण सुपौल के वीरपुर बराज के 56 में से 35 फाटक खोल दिए गए हैं। बराज से 2 लाख 29 हजार क्‍यूसेक पानी का डिस्‍चार्ज हो रहा है। उधर, पश्चिम चंपारण स्थित वाल्‍मीकिनगर गंडक बराज से गंडक नदी में तीन लाख क्‍यूसेक से अधिक पानी का लगातार डिस्‍चार्ज हो रहा है।

गंडक खतरे का निशान पार, गाेपालगंज में आई बाढ़

गंडक नदी में पानी के भारी दबाव से बाल्‍मीकिनगर बराज पर मंडराते खतरा को देखते हुए उसके सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं। बाल्‍मीकिनगर बराज से लगाातर तीन लाख क्‍यूसेक से अधिक पानी का डिस्‍चार्ज हो रहा है। देर रात यह 3.17 लाख क्‍यूसेक हो गया था। इससे गाेपालगंज में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। सदर व मांझा प्रखंडों के कई गांव डूब गए हैं। दोनों प्रखंडों के कई गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है। पतराहा छरकी, मसान थाना छरकी व ग्रामीण तटबंध पर नदी का भारी दबाव है। बाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी गंडक का पानी घुसने के कारण जंगली जानवर रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं।

वीरपुर बराज से कोसी में 2.29 लाख क्‍यूसेक डिस्‍चार्ज

सुपौल के वीरपुर स्थित कोसी बराज पर भी पानी का भारी दबाव हे। वीरपुर के कोसी बराज के 56 में से 35 फाटक खाेल दिए गए गए हैं। बराज से 2.29 लाख क्‍यूसेक पानी का डिस्‍चार्ज हो रहा है। इससे कोसी तटबंध के अंदर के गांव लगतार डूबते जा रहे हैं। तटबंध पर पानी का भारी दबाव है। सुपौल व सहरसा के निचले इलाकों में घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सुपौल के किशनपुर प्रखंड में दुबियाही मौजहा मुख्य सड़क टूट गई है। निर्मली प्रखंड में 200 एकड़ क्षेत्र में धान की फसल डूब गई है।

सीमांचल इलाके में में महानंदा खतरे का निशान पार

सीमांचल इलाके में महानंदा नदी भी कई जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। कटिहार के आजमनगर के आधा दर्जन से अधिक गांवों में महानंदा का पानी घुस गया है। कनकई और परमान नदियों के जलस्तर में भी लगतार वृद्धि हो रही है।

जगह-जगह तबाही, कहीं टूटा तो कहीं डूब गया पुल

पानी के दबाव के कारण जगह-जगह तबाही का आलम है। सुपौल में पश्चिमी कोसी तटबंध के रिटायर बांध का स्पर ध्वस्त हो गया है तो पश्चिम चंपारण के गौनाहा में कटहा नदी पर बना पुल दो भागों में बंट जाने से दो गांवों का संपर्क कट गया है। उधर, लखीसराय में किऊल नदी पर बना अस्थाई पुल डूब गया है। लखीसराय से कई इलाकों का सड़क संपर्क भंग हो गया है।

गंगा नदी के जलस्तर में भी लगातार हो रही बढ़ोतरी

गंगा नदी के जलस्तर में भी लगातार बढ़ोतरी होती दिख रही है। भागलपुर के कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से महज 31 सेंटीमीटर नीचे है। मुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 2.83 मीटर नीचे है। तेज कटाव के कारण तीन दर्जन से ज्यादा गांव खतरे में हैं। पटना के गांधीघाट में भी गंगा खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। सोन और पुनपुन नदियां भी उफान पर हैं।

बाढ़ के खतरे को देख जल संसाधन विभाग हाई अलर्ट

नदियों का जलस्तर खतरे का निशान पार कर जाने से बढ़ते बाढ़ के खतरे को दखते हुए जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मुख्यालय से लेकर फील्ड अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का अदोश दिया है। तटबंधों की लगातार निगरानी की जा रही है।

Kunal Gupta
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