श्रावण की अंतिम सोमवारी पर दर्जनों जगह हुई कांवरियों की सेवा,विधायक से लेकर अधिकारियो ने किया उद्घाटन..
दलसिंहसराय।वैसे तो भगवान भोले हर दिन पूजा अर्चना होती है लेकिन सावन के महीने का आगमन के साथ भगवान शिव के भक्त अपने भगवान की भक्ति में डूब जाते है । यही कारण है कि भगवान शिव के भक्तो की भक्ति का कोई जोड़ नही होता । हर भक्त सावन के महीने में गेरुआ वस्त्र में नजर आता है।भगवान भोले है जग के तारणहार उनकी कृपामत्र से होता है जीवन सफल हो जाता है । उक्त बाते रविवार को कावरिया सेवा समिति के उद्घाटन के दौरान उजियार विधायक आलोक कुमार मेहता ने कही। डाक बम बोल बम कोनैला धाम सेवा समिति का उद्घाटन एसडीओ प्रियंका कुमारी एवं विभूतिपूर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह, जदयू नेता प्रशांत कुमार पंकज ने किया । इस दौरान एसडीओ ने कहा कि यह मेरा पहला अनुभव है।लेकिन भगवान शिव के लिए सेवा करना भी पुण्य से कम नही होता है ।
बछवाड़ा के झमटिया से समस्तीपुर थाननेश्वर स्थान सच्चे मन से शिव पर जल अर्पण करने जाने वाले डाक-बम की सेवा मात्र से ही देवताओं की पूजा का फल मिलता है। ज्यादा से ज्यादा संख्या में इनकी सेवा में लोग जुटे रहते हैं। भगवान शंकर पर जल अर्पण करने वाले भक्तों का एक अपना ही उत्साह होता है। मौके पर डाक बम बोल बम सेवा समिति नवयुवक संघ कोनैला धाम के अध्यक्ष ललन कुमार ईश्वर इस शिविर के उपाध्यक्ष सत्यसंघ भारद्वाज,और सचिव पंकज कुमार ईश्वर , पुरूषोत्तम भारद्वाज,मुकेश कर्ण,रमण ईश्वर,रामभद्र झा,चंदन ईश्वर,और जागरण कार्यक्रम के ललन कुमार ललन अपने सभी साथियो के साथ उपस्थित थे।दूसरी तरफ 32 नंबर रेलवे गुमती गुमती पर सेवा समिति का उद्घाटन विधायक आलोक कुमार मेहता ने किया ।
इस दौरान राजद के मीडिया प्रभारी राज दीपक, राज शेखर, रमेश सिंह, आदि उपस्थित थे। मालगोदाम रोड में अनादि महादेव सेवा समिति के हिरण्यमय देवनाथ, समाज सेवा समिति, डाकबम- बोलबम समिति तकिया धाम, सब्जी मंडी सेवा समिति ने शिविर लगा कर डाक-कांवरियों की सेवा किया। इधर, थाना चौक पर नवयुवक सेवा समिति के श्याम कुमार लाल, सुधीर कुमार खोसला, जय प्रकाश पोद्दार, संजय किशोर, धर्मेन्द्र कुमार, आमोद प्रसाद, राजीब प्रकाश सर्राफ सहित दर्जनों सदस्यों ने कांवरियों का निःशुल्क सेवा किया।
इस दौरान बछवाड़ा के झमटीया से एक लाख से अधिक डाक कांवरियों ने गंगा जल भरकर समस्तीपुर के थानेश्वर स्थान मन्दिर में भगवान भोले के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। रास्ते में इन कावरियों को निर्मल जल, चाय, शर्बत, फल, दूध, चॉकलेट, मेवा इत्यादि बांटते हुए सेवा किया। सम्पूर्ण वातावरण शिव के गीतों से गुंजायमान रहा।