Bihar Weather Update:आसमान में छाए रहेंगे बादल, होगी हल्की से मध्यम वर्षा..
Bihar Weather Update:मुजफ्फरपुर/समस्तीपुर..विगत दो सप्ताह से जारी मौसम के ट्रेंड में आज से आंशिक बदलाव दिखने का पूर्वानुमान है। विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि आसमान में बादल छाए रहेंगे। कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मौसम विभाग व एक्यूवेदर की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सुबह में आसमान में बादल छाए रहेंगे। इसके बाद मौसम शुष्क रहेगा। आज थोड़ी बहुत धूप निकल सकती है। मुख्य रूप से दोपहर बाद बदलाव देखने को मिलेगा। यह क्रम शाम और रात को भी जारी रहने की संभावना है।
खतनाक स्तर पर आर्द्रता
मौसम के ट्रेंड के इस आंशिक बदलाव का प्रभाव तापमान पर भी देखने को मिलेगा। अधिकतम तापमान 34 डिग्री रहने की संभावना है। हाल की बारिश की वजह से आर्द्रता बहुत अधिक बढ़ने का अनुमान है। बुधवार की सुबह की बात की जाए तो इस समय यह 84 प्रतिशत है। इसे खतरनाक स्तर कहा जा रहा है। इस पुरवा चल रही है। तापमान 28 डिग्री है।
धूप छांव का खेल जारी रहेगा
पूरे उत्तर बिहार की बात की जाए तो आसमान में मध्यम बादल छाए रह सकते हैं। बुधवार की सुबह तक हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। इसके बाद मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। यह जानकारी मंगलवार को सात अगस्त तक के लिए जारी पूर्वानुमान में डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के मौसम विभाग ने दी है। बताया गया कि तीन अगस्त के बाद मौसम में बदलाव होगा। कहीं-कहीं हल्की वर्षा या मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। इस दौरान अधिकतम तापमान 32 से 34 और न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस रहेगा। औसतन 8 से 10 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से पुरवा हवा चल सकती है। सापेक्ष आद्र्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत और दोपहर में 55 से 65 प्रतिशत रहेगी।
किसानों के लिए सुझाव
निचली जमीन में खड़ी फसलों अथवा नर्सरी में अगर वर्षा का पानी जमा हो तो निकासी करें। कद्दुवर्गीय सब्जियों को ऊपर चढ़ाने की व्यवस्था करें। ताकि वर्षा से सब्जियों की लत्तर को गलने से बचाया जा सके। वर्षा जल उपयोग कर कम अवधि की धान की रोपनी अभी भी कर सकते है। मगर इसे जल्द पूरा करें। खरीफ मक्का की फसल में कीट-व्याधियों एवं फफूंदी धब्बों की निगरानी करते रहें। कीट अथवा रोग की उपस्थिति में उपचार के लिए अनुशंसित दवा का छिड़काव करें। मक्का की 30-35 दिनों वाली फसल में बछनी कर 40 किलो नेत्रजन दें। खड़ी फसलों एवं नर्सरी में कीट-व्याधि का निरीक्षण करते रहें। खरीफ प्याज की रोपाई के लिए खेत की तैयारी करें। खेत की जुताई में 150-200 ङ्क्षक्वटल प्रति हेक्टेयर सड़ी हुई गोबर की खाद डालें।