अब भागलपुर में चलेंगी सीएनजी और इलेक्ट्रिक संचालित बसें, 18 में 13 बसों को मिला.
भागलपुर। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की बैठक मंगलवार को प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रमंडलीय आयुक्त दयानिधान पांडेय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में आए विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई। पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पवन कुमार शांडिल्य ने कहा कि नगर निगम अगर स्मार्ट सिटी परियोजना से सीएनजी और इलेक्ट्रिक संचालित बसें उपलब्ध कराती है, तो शहर में सिटी बस सर्विस की शुरुआत की जाएगी। इससे जहां शहर को प्रदूषण की समस्या से निजात मिलेगी।
वहीं, शहर के लोगों को स्मार्ट सार्वजनिक परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। पटना नगर निगम ने परिवहन निगम को इस मद में नौ करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। इस पर प्रमंडलीय आयुक्त ने नगर आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के सचिव वारिश खान ने कहा कि सीएनजी और इलेक्ट्रिक संचालित बस सेवा की शुरुआत होने के बाद आटो चालकों की मनमानी पर भी रोक लगेगी। पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने अब तक भागलपुर बस डीपो की चाहरदीवारी और सुंदरीकरण का कार्य नहीं होने का मामला भी उठाया। क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि बस डीपो की चाहरदीवारी निर्माण और फर्श पर ईट सोलिंग की योजना को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन अभी तक इसका क्रियान्वयन नहीं किया जा सका है। प्रमंडलीय आयुक्त ने नगर आयुक्त को इस संबंध में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के समक्ष 18 बसों के परमिट के आवेदनों पर भी चर्चा की गई। जिसमें छह बसें पुराने माडल की थी। इस कारण भागलपुर डीटीओ को अपने समक्ष बसों के फिटनेस की जांच कराने के निर्देश दिए थे। भागलपुर डीटीओ ने बैठक में बताया कि सभी छह बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया है। इसके बाद 13 बसों का परमिट जारी कर दिया गया।
पांच बसों के संचालक ने टाइम बढ़ाने के लिए आवेदन दिया, जिस पर सहमति दे दी गई। प्राधिकार के सचिव ने बताया कि भागलपुर और बांका डीटीओ को 101 बसों की सूची सौंपी गई है। दोनों डीटीओ को निर्देश दिया गया है कि नियमित इन बसों की जांच करें। यह देखें कि परमिट के शर्तों का अनुपालन हो रहा है या नहीं। बसों में महिला और दिव्यांगों के लिए सीटें आरक्षित है अथवा नहीं। डीटीओ ने बताया कि अधिकांश बसों में अनुपालन किया जा रहा है। दूसरे जिला और दूसरे प्रदेशों से आने वाली बसों में परमिट के शर्तों का अनुपालन नहीं किए जाने की बात सामने आई। ऐसे बसों की भी नियमित जांच करने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।