मुंगेर में अद्भुत दृश्य : देवी चंडिका के चरणों को पखारने मां गंगा पहुंची, लोग बाहर से करेंगे पूजा
मुंगेर। मुंगेर में अद्भुत दृश्य : गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 1.53 मीटर नीचे बह रही है। गुरुवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 39.33 मीटर की जगह 37.80 मीटर रहा। जलस्तर बढ़ने से दियारा इलाके के बाद चंडिका स्थान में भी प्रवेश कर गया है। हालांकि, गृह तक पूजा करने वालों श्रद्धालुओं के पहुंचने पर रोक नहीं लगाई गई है।
ज्यादा जल स्तर बढ़ने के बाद प्रवेश द्वार पर से ही पूजा-अर्चना की जाएगी। अभी चंडिका स्थान में पूजा करने आए श्रद्धालुओं को पानी में प्रवेश कर ही माता के गर्भगृह तक पूजा अर्चना करने के लिए जाना पड़ रहा है। चंडिका स्थान के प्रधान पुजारी नंदन बाबा ने बताया कि बुधवार की देर रात से ही चंडिका स्थान में गंगा के पानी का प्रवेश हो रहा है। उन्होंने बताया कि पानी चार से पांच फीट हो जाने पर सुरक्षा की दृष्टिकोण से पूजा मंदिर के बाहर की जाएगी। केंद्रीय जल आयोग के सुरेश चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में आई बाढ़ का असर जलस्तर पर दिख रहा है। एक से डेढ़ घंटे के बीच एक सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।
दियारे में फैला पानी
11 पंचायत बाढ़ से प्रभावित रहते हैं। लगभग 80 हजार की आबादी हर साल प्रभावित होती है। सबसे ज्यादा प्रभावित पंचायत नीरपुर, पड़िया, करहरिया पूर्वी, करहरिया पश्चिमी, कल्याणटोला, हरिणमार, झौवाबहियार पंचायत के लोग होते हैं। बरियारपुर दक्षिण बरियारपुर उत्तरी, रतनपुर और करहरिया दक्षिणी पंचायत की आधी आबादी बाढ़ से प्रभावित होती है। प्रशासन की ओर से बाढ़ की कागजी तैयारी हो रही है।
जमालपुर और धरहरा प्रखंड भी प्रभावित
मुंगेर सदर प्रखंड के आलावा जमालपुर प्रखंड में बाढ़ का असर रहता है। जमालपुर प्रखंड की पांच पंचायत बाढ़ से हड़ताल प्रभावित होता है, जिसमें सिधिया, परहम, पश्चिमी इंद्ररुख पंचायत, इटहरी, रामपुर कला पंचायत शामिल है। वहीं इन पांचों पंचायत के लगभग 12 हजार आबादी हर साल बाढ़ से प्रभावित होता है। कुछ दिन पूर्व बाढ़ कटाव का जायजा लिया गया था। धरहरा प्रखंड के लोग भी झेलते हैं। दंश हेमजापुर के इलाके में जब बाढ़ आती है तो तीन पंचायतें टापू में तब्दील हो जाता है। एक तरफ गंगा नदी का पानी दूसरी तरफ टाल क्षेत्र के पानी आने से कई गांव जलमग्न हो जाते हैं। 15 से 20 हजार की आबादी बाढ़ की चपेट में आ जाती है।