द्रौपदी मुर्मू बोलीं,बिहार-झारखंड से खून-पानी का रिश्ता,बिहार के सांसदों व विधायकों से माँगा समर्थन..
पटना : राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू बिहार के सांसदों व विधायकों से समर्थन मांगने पटना आईं। होटल मौर्य में मंगलवार को आयोजित समर्थन सभा को संबोधित करते हुए ओडिशा की रहने वाली मुर्मू ने स्वयं को बिहार व झारखंड से जोड़ा। कहा कि उनकी रगों में बिहार और झारखंड का खून-पानी है। बिहार से पुराना रिश्ता है। बिहार से आत्मीय लगाव का परिचय देते हुए कहा कि मेरी दादी झारखंड की थीं। सौ वर्ष पूर्व बिहार-झारखंड और उड़ीसा एक ही राज्य था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि मेरे जैसे अंतिम पायदान पर मानी जाने वाली आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद पर बैठाने का निर्णय लिया है।
मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले सभी मतदाताओं से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि सर्वोच्च पद तक पहुंचाने के निर्णय में आप भी सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही मेरा जीवन संघर्षों में गुजरा है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच पर मुर्मू का जोरदार स्वागत किया। नीतीश ने भी भरोसा देते हुए कहा कि हमलोगों को पूर्ण विश्वास है कि द्रौपदी मुर्मू भारी बहुमत से जीतेंगी। मुख्यमंत्री ने भी कहा कि पहले बिहार, उड़ीसा और झारखंड एक ही था।
इससे पहले समर्थन सभा को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने अपने संबोधन में द्रौपदी मुर्मू की जीत का भरोसा जताया। बैठक में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सर्वानंद सोनोवाल, पशुपति कुमार पारस, भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री तरूण चुग, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के अलावा बिहार एनडीए के सभी मंत्री, सभी सांसद, विधायक और विधान पार्षद उपस्थित थे। समर्थन सभा में मंच संचालन श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने किया। इससे पहले पटना पहुंचने पर मुर्मू का एयरपोर्ट पर भाजपा के नेताओं द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। स्वागत के लिए केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित कई नेता पहले ही पहुंच गए थे। मुर्मू ने हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद पुराना सचिवालय स्थित बिरसा मुंडा प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। एयरपोर्ट पर स्थानीय कलाकारों ने आदिवासी वेशभूषा में द्रौपदी मुर्मू का बिहार की धरती पर परंपरागत नृत्यों से स्वागत किया।