Monday, November 25, 2024
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Nagpanchami 2022: बिहार के इस गांव में लगा अद्भुत मेला;हाथों में विषैले सांप लेकर नाचते दिखे लोग..

Nagpanchami 2022: Wonderful fair held in this village of Bihar; समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय सहित कई प्रखण्ड में नागपंचमी के मौके पर सांपों का अद्भुत मेला लगा। दलसिंहसराय,प्रखंड क्षेत्र के अनेक गांवो में सोमवार को नागपंचमी पारंपरिक रूप से मनायी गई.लोगो ने अपने-अपने घरों में गोसाई के समीप दूध ,लावा एवं कटहल का कोआ चढ़ाया एवं प्रसाद स्वरूप नीम की पत्ती एवं दही ग्रहण किया.
नागपंचमी के अवसर पर दलसिंहसराय के कई गांवों में नाग मेला का आयोजन काफी धूमधाम के साथ लगा.वही नाग पंचमी को लेकर दलसिंहसराय के मालपुर विद्यालय के समीप बिषहर स्थान मंदिर के विकास कमेटी की देखरेख में उस स्थल पर भव्य मेला का आयोजन किया गया.इस मेला में जिला के अलावे राज्य अन्य जिलों से भी लोग आकर मन्नत पूरा होने पर पूजा अर्चना करते हैं.तथा मन्नत मानते हैं.
यहा  महिलाए अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर कई तरह की पुजा आर्चना भी करती है.विषहर स्थान के पुजारी ननकी भगत,बेचन दास एवं गणेशी भगत पूजा करके अपने-अपने हाथों एवं गले में सांपो को लेकर एक से बढकर एक करतब दिखाये.
वही विभूतिपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंघियाघाट में हर साल  लगता है। नागपंचमी के दिन सांप लेकर हजारों की संख्या में झुंड बनाकर लोग नदी के घाट पर जुटते हैं। इस मेले की खासियत है की नदी से भगत मंत्र विद्या से सैकड़ों की संख्या में जहरीले सांप निकालते हैं इसके बाद हाथों में व गर्दन में लपेट कर प्रदर्शन करते हैं जिसे देखने आसपास के कई जिलों के लोग आते हैं।Nagpanchami 2022

भगत और सांपों का करतब देखने हजारों लोगों की भीड़ जुटती है। यह अद्भुत मेला जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के सिंघिया घाट में लगती है जहां सैकड़ों की संख्या में सांपों का खेला इस कदर होता है जिसे देख अच्छे-अच्छों का पसीना छूट जाए।लेकिन यहां के लोगों में विषैले सांपों से जरा भी डर नहीं है तभी तो बेखौफ होकर अपने गर्दन में जहरीले सांपो लपेट कर इस नाग पंचमी मेले में एक जुलूस निकालकर मंदिर परिसर में जाकर पूजा अर्चना करते हैं।

बताया जाता है कि यह मेला करीब 100 वर्षों से यहां लगाया जाता है। हर वर्ष यहां सांपों को निकाला जाता है। पुजारी और गांववालों का कहना है कि इन सांपों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाता और इन्हें पूजा के बाद नदी या जंगल में छोड़ दिया जाता है।

Kunal Gupta
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