बिहार के टेरिटोरियल आर्मी जवान शुभम कुमार की हादसे में शहीद,शोक की लहर .
Manipur Landslide: मणिपुर के नोनी जिले में 29 जून को बड़े भूस्खलन में ऐसा कहा जा रहा है कि 81 लोग लापता हैं, जबकी 18 टेरिटोरियल आर्मी जवानों के शवों का रेस्क्यू किया जा चुका है। वहीं, बड़ी संख्या में जवानों की मौत हुई है। इन्हीं दिवंगत जवानों में एक बिहार के कटिहार जिले के बारसोई निवासी की मौत की पुष्टि की गई है। शुक्रवार की देर रात जवान का शव बरामद किया गया है।
बारसोई निवासी आर्मी जवान शुभम कुमार की मणिपुर में हुए भूस्खलन में शहीद होने की खबर उनके घर वालों को दी गई है। स्वजनों के मुताबिक वहां से एक अधिकारी का फोन आया, उन्होंने बताया कि शुभम कुमार की लैंडस्लाइड में मौत हो गई है। वहीं ऐसा कहा जा रहा है कि 4 जुलाई को शुभम का पार्थिव शरीर पैतृक आवास भाग बारसोई पहुंचेगा। इधर स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास के कई गांवों के लोग शुभम के घर पहुंच रहे हैं।
(शुभम के घर पर शोक)
– घर पर छुट्टी बिताकर 11 जून को ड्यूटी पर लौटा था शुभम
– उनके पिता की भी पहले सेना में कार्यरत रहते हुए निधन हुआ था
– मणिपुर में सेना के 107 गोरखा बटालियन में कार्यरत कटिहार जिले के बारसोई नगर पंचायत के वार्ड संख्या 12 अन्तर्गत भाग बारसोई मोहल्ले के रहने वाले दिवंगत छट्ठू सिंह के पोते तथा सेना के जवान शहीद जय कुमार उर्फ लाल जी के पुत्र शुभम कुमार की मृत्यु पिछले महीने 29 जून की आधी रात को मणिपुर में हुए भूस्खलन में चट्टान के नीचे दब जाने के कारण हो गई। दो जुलाई को शुभम का शव बरामद किया गया, इसके बाद उनकी मौत की पुष्टि की जा सकी।
इससे पहले स्वजन लगातार संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा था। वहीं शनिवार को रेस्क्यू टीम के द्वारा जब मलबा हटाया गया तो 107 गोरखा बटालियन में कार्यरत शुभम कुमार का शव बरामद किया गया। ये खबर मिलते ही शुभम के घर पर कोहराम मच गया। पहले सेना में कार्य करते हुए पिता की मौत हुई थी। अब जवान कुंवारा बेटा 25 वर्ष की उम्र में काल के गाल में समा गया।
इस घटना की खबर मिलते ही स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। माता मंजू देवी और दादी अनरगिया देवी रो-रोकर अपने बेटे और पोते को बुला रही हैं। वही एक स्वजन ने रोते बिलखते बताया कि मात्र 18 दिन पहले शुभम उर्फ सन्नी घर पर छुट्टी मनाकर 11 जून को ड्यूटी पर वापस लौटा था। बता दें कि मृतक जवान सन्नी दो भाई और एक बहन है। घर में पिता के नहीं रहने से वह बहुत सारी जिम्मेदारी को निभा रहा था। वहीं स्वजनों से मिली जानकारी के अनुसार चार जुलाई को मृतक का शव बारसोई आने की उम्मीद है।
बता दें कि मणिपुर में बुधवार, 29 जून की देर रात नोनी जिले में ये हादसा हुआ था। तुपुल रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन आधी रात के करीब हुआ। हादसे के समय जिरीबाम से राजधानी इंफाल तक बनने वाली रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए टेरिटोरियल आर्मी का एक कैंप वहां तैनात था। 107 टेरिटोरियल आर्मी के जवानों का कैंप हादसे का शिकार हुआ है। इस भूस्खलन में कई जवान दब गए हैं। कई की तलाश अभी जारी है।
न्यूज एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, ‘मणिपुर के नोनी जिले में लगातार बारिश के कारण गुरुवार को हुए विनाशकारी भूस्खलन में शनिवार को और शव मिलने के साथ ही 22 प्रादेशिक सेना के जवानों सहित 27 लोगों की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है।’
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह हादसे का शिकार हुए दिवंगतों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। उन्होंने इस घटना को इतिहास का सबसे दर्दनाक हादसा बताया है। सीएम एन बीरेन सिंह का कहना है कि यह राज्य के इतिहास में सबसे दुखद घटना है। इस दुखद हादसे में हमने 81 लोग खोए हैं। 18 टेरिटोरियल आर्मी के शवों का रेस्क्यू किया गया है, अभी भी 55 लोग फंसे हुए हैं। मिट्टी के कारण सभी शवों को निकालने में 2-3 दिन का समय और लगेगा।