जीतन राम मांझी के खासम-खास थे DSP रंजीत रजक, रसोइया को रातों-रात पहना दी खाकी वर्दी,जाने क्या क्या है कारनामे..
BPSC Paper Leak राजीव कुमार/ प्रीतम ओझा, पूर्णिया: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC Paper Leak) की परीक्षा में धांधली बरतने के आरोप में गिरफ्तार DSP रंजीत रजक के संबंध में हर दिन नए राजफाश हो रहे हैं। जिस गांव की मिट्टी में डीएसपी रंजीत रजक पले बढ़े थे, वहां के लोगों को यह तो पता था कि वे डीएसपी होने के बाद वह रसूख वाले अधिकारी हैं लेकिन उनके द्वारा इस तरह के कार्य किए जा रहे हैं, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। रंजीत रजक कटिहार के मनिहारी थाना क्षेत्र के केवाला पंचायत के हसवर गांव के रहने वाले हैं तथा उनकी शादी अररिया जिले में हुई थी। उसकी शादी के रिसेप्शन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी वर-वधू को आशीर्वाद देने के लिए हसवर पधारे थे। गिरफ्तार डीएसपी से पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्ते इतने प्रगाढ़ थे कि वे शादी में न केवल शरीक हुए बल्कि उसके घर ही रात भी बिताई। पढ़ें पूर्णिया से राजीव कुमार और कटिहार के मनिहारी से प्रीतम ओझा की विशेष ग्राउंड रिपोर्ट…
रंजीत रजक 2007 में मनिहारी के बलदेव प्रसाद सुखदेव प्रसाद उच्च विद्यालय में अर्थशास्त्र के शिक्षक के रूप में बहाल हुए थे। देखते ही देखते कुछ वर्षों में वे कहां से कहां पहुंच गए। खुद बीपीएससी पास करने के बाद वे ना केवल डीएसपी बने बल्कि अपने दो भाइयों को भी बीपीएससी की परीक्षा पास कराई। पांच भाई बहनों वाले डीएसपी रंजीत रजक ने अपने रसू्ख का प्रयोग कर एक और लड़के को बीपीएससी की परीक्षा में पास कराया और उसके साथ अपने बहन की शादी कर दी।’
दूसरी बहन के नाम गांव में ही वर्ष 2020 के दिसंबर माह में किसान सेवा हैप्पी फ्यूल सेंटर नाम से पेट्रोल पंप खोला। डीएसपी बनने के बाद उसने कटिहार जिले से लेकर किशनगंज, अररिया पूर्णया सहित राज्य के कई शहरों में अपने एवं अपने रिश्ते दारों के नाम से कई भूखंड खरीदे। कई भूखंड को उसके ससुराल वालों के नाम से भी खरीदे गए। डीएसपी रंजीत रजक की शादी अररिया जिले में हुई है। अब डीएसपी रंजीत रजक द्वारा खरीदी गई अकूत संपति का आर्थिक अपराध इकाई अपने स्तर से मूल्यांकन कर रही है।
सिपाही बहाली में भी उनकी भूमिका की हो रही हैं जांच
आठ हजार से अधिक सिपाही बहाली में भी डीएसपी रंजीत रजक की भूमिका की जांच की जा रही है। बताया जाता है कि इस परीक्षा में भी उसने कई उम्मीदवारों को परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था। उनके द्वारा सीमांचल के जिलों के जिन उम्मीदवारों से बहाली के लिए पैसे वसूले गए हैं या जो उनके उम्मीदवार हो सकते है। वैसे उम्मीदवारों की सूची आर्थिक अपराध इकाई द्वारा तैयार की जा रही है।
सिपाही बहाली में इसकी संलिप्तता के प्रमाण आर्थिक अपराध इकाई को इसके पूर्व गया के एक कालेज के प्राचार्य के पकड़े जाने के बाद हुई है। जांच में यह जानकारी मिली है कि गया के इस कालेज में भी सिपाही बहाली को लेकर लिखित परीक्षा हुई थी तथा परीक्षा के पूर्व डीएसपी एवं प्राचार्य के साथ बातचीत के कई काल डिटेल जांच एजेंसी को हाथ लगे हैं।
– कटिहार जिले के मनिहारी थाना क्षेत्र की केवला पंचायत के हसवर गांव के रहने वालें हैं डीएसपी रंजीत रजक
– प्रगाढ़ संबंध के कारण पूर्व सीएम ने डीएसपी की रिसेप्शन में शरीक होने के बाद वहीं बिताई थी रात
– 2007 में मनिहारी के एक विद्यालय में अर्थशास्त्र का शिक्षक रहे रंजीत रजक देखते- देखते बन गए करोड़पति
– डीएसपी ने दिसंबर 2020 में गांव में ही बहन के नाम किसान सेवा हैप्पी फ्यूल सेंटर के नाम से पेट्रोल पंप खोला
– कटिहार, पूर्णिया अररिया एवं किशनगंज में अपने तथा अपने रिश्तेदारों के नाम से डीएसपी ने खरीदे कई भूखंड
अपने रसोइया को पहना दी वर्दी
आर्थिक अपराध इकाई द्वारा गिरफ्तार रंजीत रजक की हनक ऐसी थी कि गांव के जिस युवक को उसने अपने यहां खाना बनाने के लिए रसोइया रखा उसे भी उसने पुलिस का जवान बना दिया। इसके अलावा उसने अपने कई सगे रिश्तेदारों को भी बीपीएससी एवं पुलिस में नौकरी दिलवाई और उसके एवज में मोटी रकम वसूली। सोर्स-जागरण ।