बिहार में ढीली है मानसून की चाल,मौसम विभाग का ताजा अपडेट..
पटना. दक्षिण-पश्चिम मानसून की अवधि में बिहार औसत से कम बारिश के संकट से जूझ रहा है. भारतीय मौसम विभाग ने प्रदेश में फिलहाल अच्छी बारिश की संभावना नहीं जताई है. आईएमडी का ताजा मौसम पूर्वानुमान समस्या को और बढ़ाने वाला है. खासकर खेतीबारी के लिए समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से खेती-किसानी से जुड़ी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. मौसम विभाग ने प्रदेश में कहीं-कहीं तेज बारिश होने की संभावना जताई है, लेकिन औसत अच्छी बारिश की संभावना फिलहाल न के बराबर है. बिहार में शुरुआती दौर में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई थी. उसके बाद से ही प्रदेश में बरसात की रफ्तार काफी कम हो गई थी. दूसरी तरफ, तेज धूप निकलने से औसत अधिकतम तापमान में भी वृद्धि दर्ज की गई है. ऐसे में लोगों को दोहरी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
मौसम विभाग ने फिलहाल 1 अगस्त 2022 तक के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया है. इसके मुताबिक, प्रदेश में इस अवधि में कहीं-कहीं तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है. हालांकि, औसत रूप से अच्छी बारिश की संभावना न के बराबर ही जताई गई है. बिहार के कई हिस्सों में बादल छाए हैं, लेकिन बूंदाबांदी के अलावा तेज बारिश काफी कम जगहों पर ही रिकॉर्ड की गई है. गुरुवार शाम को तेज हवा के साथ कहीं-कहीं बारिश हुई. शुक्रवार सुबह को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए हुए हैं, लेकिन बरसात नहीं हो रही है. इससे आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है. पिछले मानसून में बिहार में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई थी, लेकिन इस बार अभी तक बारिश औसत से भी कम हुई है.
खेतीबारी का काम प्रभावित होने की आशंका
बिहार में बरसात के मौसम में व्यापक पैमाने पर धान की खेती की जाती है. धान की अच्छी फसल के लिए पानी की पर्याप्त मात्रा की जरूरत होती है, लेकिन इस बार के मानसून के सीजन में अभी तक औसत रूप से अच्छी बारिश नहीं हो सकी है. ऐसे हालात खेतीबारी का काम अभी तक जोर नहीं पकड़ सका है. आने वाले कुछ समय में अच्छी बारिश न होने की स्थिति में खेती-किसानी से जुड़ी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका गहरा जाएगी.
शुरुआत में अच्छी बारिश उसके बाद…
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने सीमांचल के जरिये बिहार में प्रवेश किया था. इसके प्रभाव से उत्तरी बिहार समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में अच्छी बारिश रिकॉर्ड की गई थी. स्थानीय नदियां भी उफना गई थीं, लेकिन इसके बाद मानसून कमजोर पड़ गया. बीच में कुछ हफ्तों तक तो बारिश हुई ही नहीं. उसके बाद बिहार के कुछ हिस्सों में कहीं-कहीं बारिश हुई. हालांकि, औसत रूप से अच्छी बारिश होने की दरकार अभी भी है.