amazing wonderful; लापता हुआ शेरू,उड़ गई SHO की नींद,कुत्ते की खोज में लगे पुलिस पदाधिकारी और चौकीदार..
amazing wonderful; Sheru went missing, SHO slept..झाझा (जमुई): इन दिनों झाझा थाना शेरू के गुम होने को लेकर चर्चा में है। शेरू के गायब होने से थानाध्यक्ष राजेश शरण बेचैन हो गए हैं। साथ ही उदास भी चल रहे हैं, जबकि शेरू का एक भाई कारू एवं बहन मंजू थाने में मौजूद हैं। थानाध्यक्ष की बेचैनी इस कदर है कि उन्होंने शेरू का पता लगाने के लिए थाना के पदाधिकारी, सिपाही एवं चौकीदार को लगा दिया। वो तीन दिनों से एकाएक थाना परिसर से गायब है। थानाध्यक्ष की बेचैनी को देख उनके शुभचिंतक भी परेशान हैं। बात कर रहे हैं एक कुत्ते के गायब होने की, जिसका नाम शेरू है। वह देसी कुत्ता है, जिसका भरण-पोषण जन्म से अभी तक थानाध्यक्ष कर रहे थे।
शेरू 9 जुलाई से गायब है। बताया जाता है कि जब थानाध्यक्ष ने झाझा थाना में योगदान किया था, उसी समय थाना परिसर में एक मादा स्वान ने आठ कुत्तों को जन्म दिया था। कुछ दिन के बाद मादा स्वान की मौत हो गई। उसके आठ बच्चे में से तीन बच्चा को थानाध्यक्ष ने इलाज एवं भोजन खिलाकर बचाया था। तीन में दो कुत्ते एवं एक कुतिया है। सबसे बड़ा का नाम शेरू, दूसरे का नाम कारू एवं तीसरे का नाम मंजू रखा गया। विगत दिनों शेरू कुछ खूंखार हो गया था। दो पदाधिकारी एवं एक चौकीदार को काटने का प्रयास किया था।amazing wonderful; Sheru went missing, SHO slept, police officers and watchmen engaged in search of dog ..
थानाध्यक्ष ने तीनों को सुई लगवाई थी। तीनों का रहना एवं घूमना थानाध्यक्ष के आवास या चेंबर के समीप रहता था। थानाध्यक्ष के साथ-साथ चलते थे। 9 जुलाई को जब थानाध्यक्ष के समक्ष शेरू नहीं पहुचा, तो थानाध्यक्ष ने कुत्ते के रखरखाव करने वाले कर्मी से बात की। थाना परिसर में नहीं रहने की बात सामने आई। थानाध्यक्ष की बेचैनी बढ़ गई और पूरा थाना परिसर के कोने-कोने की जांच कराई। उससे भी बात सामने नहीं आई तो उन्होंने सीसीटीवी कैमरा की जांच की। बताया जाता है कि जिस समय से शेरू गायब हुआ था उस समय सीसीटीवी कैमरा भी बंद पाया गया।
शेरू के न रहने से थानाध्यक्ष उदास चल रहे हैं। कहा गया कि पिछले एक महीने पहले शेरू एवं मंजू थाने से गायब हुए थे। उस समय काफी खोजबीन करने के बाद थाना परिसर के बोरवेल के गड्ढे में पाया गया था। उसको काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका। इस बीच कई बार तीनों बीमार पड़े, जिसका इलाज थानाध्यक्ष ने कराया और उनकी जान बचाई। थानाध्यक्ष कहते हैं कि पालतू जानवर के गुम होने से काफी दुख होता है। वह घर का एक सदस्य बन गया था। उसकी देखभाल के लिए एक व्यक्ति को लगाया गया था। किसी व्यक्ति द्वारा थाना से शेरू को ले भागने की संभावना व्यक्त की है। इसकी खोज कराने की बात कही।