UPSC : मास्टर साहब की बिटिया ने तो कमाल कर दिया! 16वीं रैंक के साथ अंशु प्रिया ने पास की IAS परीक्षा ।
UPSC Civil Service exam final result 2021: UPSC परीक्षा परिणाम में 16वां स्थान प्राप्त करने वाली मुंगेर की बेटी डॉक्टर अंशु प्रिया शिक्षक पिता की पुत्री हैं. मुंगेर जिले के पूरब सराय में गायत्री नगर के रहने वाले सरकारी शिक्षक शैलेंद्र कुमार शैलेंद्र को जैसे ही इस सफलता की जानकारी मिली पूरे परिवार में खुशियां मनाई जाने लगीं. खबर के सुनते ही बधाई देने वालों का तांता लग गया. सब यही कह रहे थे कि मास्टर साहब की बिटिया ने तो कमाल कर दिया!
मुंगेर. बिहार का नाम भले ही गरीब राज्यों की कतार में लिया जाता हो, मगर प्रतिभाओं की यहां कोई कमी नहीं. खास तौर पर सिविल सर्विसेज की परीक्षाओं में बिहारियों का जलवा हमेशा से कायम रहा है. विशेष तौर पर छोटे शहरों से बाहर आने वाली प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कर रही हैं. इसी क्रम में मुंगेर के चार अभ्यर्थियों ने इस बार यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. अक्षत आयुष को जहां 106वीं रैंक मिली है वहीं, अजीत कुमार ने 326वीं रैंक प्राप्त की है. राज विक्रम ने 434वां स्थान प्राप्त किया है. मगर जिले में सबसे अव्वल आई हैं अंशु प्रिया जिन्होंने टॉप 20 में जगह बनाते हुए 16वीं रैंक हासिल की है.
सोमवार को जारी किए गए यूपीएससी रिजल्ट में 16वां स्थान प्राप्त करने वाली मुंगेर की बेटी डॉक्टर अंशु प्रिया शिक्षक पिता की पुत्री हैं. मुंगेर जिले के पूरब सराय में गायत्री नगर के रहने वाले सरकारी शिक्षक शैलेंद्र कुमार शैलेंद्र को जैसे ही इस सफलता की जानकारी मिली पूरे परिवार में खुशियां मनाई जाने लगीं. खबर के सुनते ही बधाई देने वालों का तांता लग गया. सब यही कह रहे थे कि मास्टर साहब की बिटिया ने तो कमाल कर दिया! यादव जी की पोती ने तो सिर ऊंचा कर दिया! वर्तमान में अंशु प्रिया दिल्ली के एम्स में डॉक्टर हैं.
शैक्षणिक वातावरण में पली बढ़ीं अंशु
अंशु प्रिया के पिता शैलेंद्र कुमार शैलेंद्र और दादा सरकारी शिक्षक हैं. स्वर्गीय हो चुकीं दादी भी शिक्षक थीं. वर्तमान में अंशु के पिता संदलपुर कन्या मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. मां इंदु कुमारी ने इतिहास में स्नातकोत्तर किया है और वह हाउस वाइफ हैं.शिक्षक परिवार में जन्मीं डॉ अंशु प्रिया की आरंभिक पढ़ाई मुंगेर के नोट्रेडम स्कूल से हुई.
दिल्ली एम्स में डॉक्टर हैं अंशु प्रिया
वर्ष 2013 में एमबीबीएस परीक्षा पास करने के बाद वर्ष 2018 में पटना एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर दिल्ली एम्स में कार्य कर रही है. परिवार अंशु प्रिया के सफलता पर खुश है. सरकारी शिक्षक के पद पर कार्यरत पिता शैलेंद्र कुमार शैलेंद्र कहा कि मुझे दो संतान है. बड़ी बेटी अंशु प्रिया एवं बेटा प्रांशु राज. आज मेरी बेटी ने पूरे जिला ही नहीं राज्य का नाम रौशन किया है. हम लोगों को अपनी बेटी पर गर्व है.
दादा-दादी ने कहा- पोती ने सिर ऊंचा किया
अंशु के दादा उपेंद्र यादव बताते हैं कि बच्चपन से उसकी पोती पढ़ने में काफी अव्वल थी स्कूल में हमेशा टॉप आती थी. डॉक्टर तो थी ही अब उसने यूपीएससी क्लियर कर अपनी प्रतिभा फिर साबित की है. मां इंदु देवी कहती हैं आज उसकी बेटी ने वो काम कर दिया जिससे उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया. आज अपनी बेटी पर उन्हें नाज है कि डॉक्टर बन के भी लोगों की सेवा कर रही थी तो अब कलक्टर बनकर समाज की सेवा करेगी.
अक्षत आयुष को 106वीं रैंक
मुंगेर निवासी सीबीआई में सेवानिवृत वरीय पुलिस रहे अधीक्षक विनय कुमार के छोटे बेटे अक्षत आयुष ने 106वीं रैंक हासिल की है. सोमवार को रिजल्ट निकलते ही परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. पोते की सफलता से गदगद अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक तथा शहर के जाने-माने शिक्षाविद शादीपुर निवासी उमाकांत ठाकुर की आंखों में आंसू आ गए.
उन्होंने कहा कि पोते अक्षत ने परिवार, गांव तथा शहर का मान बढ़ाया है. उनका पैतृक गांव फरदा है. बिहार सरकार में वरीय पुलिस अधिकारी के रूप में गया में कार्यरत चाचा संदीप कुमार ने बताया कि अक्षत शुरू से ही कुशाग्रबुद्धि और पढ़ाई में मेधावी रहा है. उसने दिल्ली के वेंकटेश्वर कॉलेज से राजनीति शास्त्र में स्नातक पास किया है.
राज विक्रम को 434वीं रैंक
बता दें कि मुंगेर पहाड़पुर के राज विक्रम ने सफलता अर्जित कर इलाके को गौरवान्वित किया है. जेनरल कोटे से आने वाले राज विक्रम ने 434वीं रैंक प्राप्त की है. राज विक्रम की पारिवारिक पृष्ठभूमि पहले से ही शैक्षणिक रही है. इनके पिता निरंजन सिंह सैनिक स्कूल तिलैया के छात्र थे और उन्होंने भी यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी.
मुख्य परीक्षा में असफल रहने के बाद उन्होंने ठान रखी थी कि बेटे को आइएएस बनाएंगे. उन्होंने खुद अपने निर्देशन में अपने बच्चों को शिक्षा दी और सिविल सेवा परीक्षा 2021 में राज विक्रम ने सफलता प्राप्त कर अपने पिता की मेहनत और सपनों को साकार कर दिया. निरंजन सिंह रांची उच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं.