UPSC:वंदना ने मेहनत व लगन से बिना केचिंग के पास की यूपीएससी परीक्षा, हासिल की 8वीं रैंक ।
नई दिल्ली: देश भर में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविस सर्विस परीक्षा की तैयारी लाखों छात्र करते हैं. इस परीक्षा की तैयारी के लिए अभ्यर्थी सालों-साल मेहनत करते हैं, फिर भी बहुत से ऐसे अभ्यर्थी हैं जो कई प्रयासों के बाद भी इस परीक्षा में सफल नहीं हो पाते हैं. वहीं कुछ ऐसे छात्र भी हैं, जिन्होंने यह परीक्षा बिना किसी कोचिंग के घर पर रहते हुए सेल्फ स्टडी के जरिए पास की है.
ऐसी ही एक कहानी है हरियाणा राज्य के नसरुल्लागढ़ की रहने वाली वंदना सिंग चौहान की, जिन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की और पूरे देश भर में 8वीं रैंक प्राप्त कर अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया.
वंदना के लिए आईएएस बनने का सफर बेहद मुश्किल था. यूपीएससी की तैयारी शुरू करने से लेकर, उसे पास करने तक उन्होंने बहुत सी मुश्किलों का सामना किया है. आपको बता दें कि वंदना का जन्म हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव के एक साधारण परिवार में हुआ था, जहां लड़कियों को पढ़ाने का चलन नहीं था. इसी कारण से उनका पूरा परिवार उनकी इस पढ़ाई के खिलाफ था.
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वंदना की पढ़ाई को लेकर परिवार के कई लोगों ने विरोध किया, लेकिन इसके बावजूद वंदना के पिता ने बेटी की जिद्द मान ली और उन्होंने वंदना को आईएएस की पढ़ाई के लिए उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पास लड़कियों के एक गुरुकुल में भेज दिया. वे बताते हैं कि उन्होंने बेटी की पढ़ाई के लिए पूरे परिवार का गुस्सा झेला और साथ ही सबकी नजरों में बुरे भी बनें, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला.
वंदना ने 12वीं तक की पढ़ाई गुरुकुल में रहकर ही की है. इसके बाद वंदना ने लॉ की पढ़ाई केवल घर पर रहकर ही जारी रखी, लेकिन कभी कॉलेज नहीं गई. एग्जाम देने के लिए भी वंदना को उसके पिता अपने साथ लेकर जाते थे. यहां तक कि वंदना पढ़ाई के लिए किताबें भी ऑनलाइन ही मंगाती थी या फिर उनका भाई ही उनके लिए किताबें खरीदकर लाता था.
वंदना कहती हैं कि लॉ की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी. साथ ही उन्होंने कहा कि गुरुकुल में सीखा हुआ अनुशासन उनकी यूपीएससी की तैयारी के दौरान बेहद काम आया. यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के दोरान वंदना ने ना ही कोई कोचिंग जॉइन करी और ना ही किसी ने उनकी मदद की. घर पर ही रहकर वंदना रोजाना 12 से 14 घंटे तक पढ़ाई करती थी.
वंदना ने इस परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की और पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली. वंदना ने साल 2012 में ऑल इंडिया में 8वीं रैंक हासिल कर अपना आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा किया था.