Tuesday, November 26, 2024
PatnaVaishali

बिहार से गुजरने वाली इस नेशनल हाईवे को देखिए… बताएं- सड़क पर गड्ढा है या गड्ढे में सड़क ।

Madhubani News: मधुबनी: भारत-नेपाल (India-Nepal) सीमा के पास बिहार के मधुबनी से गुजरने वाली नेशनल हाईवे (NH) का वीड‍ियो इन दिनों सोशल मीड‍िया पर तेजी से वायरल हो रहा है. ड्रोन की मदद से वीड‍ियो को बनाया गया है जिसमें हर जगह गड्‌ढे ही गड्‌ढे नजर आ रहे हैं. कलुआही-बासोपट्टी-हरलाखी से गुजरने वाली इस जर्जर नेशनल हाईवे से स्‍थानीय लोग परेशान हैं.
कलुआही-बासोपट्टी-हरलाखी में रोड किनारे करीब 500 दुकानें हैं. ये लोग सात साल यानी 2015 से परेशान हैं. इस रोड को बनाने के लिए अब तक तीन बार टेंडर निकाला जा चुका है. हर बार ठेकेदार कुछ दूर तक काम कर फरार हो जाते हैं. भारत-नेपाल सीमा के नजदीक इस हाईवे से कई बड़े नेताओं और अधिकारियों का भी आना-जाना लगा रहता है, लेकिन किसी ने इस ओर ध्‍यान नहीं दिया.

बारिश होते ही बढ़ जाती है परेशानी

हार्डवेयर व्यवसायी हिम्मत लाल राउत ने कहा क‍ि जर्जर सड़क से व्यापार काफी प्रभावित हो रहा है. ट्रक से लेकर अन्‍य मालवाहक वाहनों के ड्राइवर सामान लेकर बाजार आने को तैयार नहीं हैं. स्थानीय होटल संचालक जीवछ महतो ने बताया कि सड़क जर्जर होने के कारण दुकान पर ग्राहक कम आते हैं. बारिश के बाद सड़क पर दो फीट से ज्यादा पानी जमा रहता है. भगवती देवी ने बताया कि ज्‍यादा बारिश होने पर रोड का पानी घर के अंदर आने लगता है. स्थानीय बीजेपी विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने तीन बार इससे संबंधित सवाल को सदन में उठाया है. चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष परशुराम पूर्वे ने बताया कि बारिश के बाद बाजार आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है.

टेंडर निकलने के बाद भी नहीं बना रोड

इस सड़क के लिए सबसे पहले 2015 में टेंडर निकाला गया था. कुछ किलोमीटर तक काम पूरा करने के बाद ठीकेदार ने काम बंद कर दिया. कई बार विभाग की ओर से मरम्‍मत कराई गई. 2020 में इस रोड का टेंडर निकाला गया, लेकिन ठीकेदार ने समय-सीमा के अंदर काम नहीं किया. एनएचएआई इसके बाद ठीकेदार को हटा दिया. मामला अब कोर्ट में चल रहा है. ठीकेदार रवींद्र कुमार ने बताया कि मेटेरियल का रेट बढ़ गया है. विभाग द्वारा पेमेंट भी लंबित है. इस कारण निर्माण कार्य बाधित हो रहा है. वहीं एनएचएआई जयनगर के कार्यपालक अभियंता लोकेशनाथ मिश्रा ने कहा कि दोबारा टेंटर प्रकिया में कम से कम और तीन महीने का समय लगेगा. बारिश को देखते हुए विभाग की ओर से मरम्‍मत कराई जाएगी.

Kunal Gupta
error: Content is protected !!