Success Story;पिता नहीं कर पाए अपना IAS बनने का सपना पूरा,तो बेटी साक्षी ने अफसर बन बढ़ाया मान..
Success Story : डेस्क।
कई बार ऐसा होता है कि इंसान सपने तो देखता है लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाता है.. जिसके अनेकों कारण होते हैं.. कभी पैसे की कमी.. तो कहीं सुविधा का न मिलना। लेकिन सपने को भूल पाना इतना आसान नहीं होता। ऐसा भी देखा जाता है कि कोई सपना अगर खुद के लिए अधूरा रह जाए तो उसे इंसान अपने बच्चों द्वारा पूरा होते देख खुद को तसल्ली पाता है। कुछ ऐसी ही कहानी है IAS साक्षी गर्ग की, जिनके पिता IAS बनना चाहते थे लेकिन नहीं बन पाए और उनकी बेटी IAS बन पिता के सपने को पूरा किया।
आईएएस साक्षी गर्ग का परिचय(Success Story)
साक्षी गर्ग उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की राबर्ट्सगंज की मूल निवासी हैं। उनके पिता कृष्ण कुमार गर्ग पेशे से व्यापारी है और माता रेनू गर्ग गृहणी है। साक्षी 2018 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बनी।
Sakshi Garg is a native of Robertsganj in Sonbhadra district of Uttar Pradesh. Her father Krishna Kumar Garg is a businessman by profession and mother Renu Garg is a housewife. Sakshi became an IAS in 2018 after passing the UPSC exam.
साक्षी गर्ग की प्रांभिक शिक्षा(Success Story)
शुरू से ही साक्षी गर्ग की पढ़ाई में रुचि थी, उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से सोनभद्र से पूरी की। साक्षी हमेशा ही अपने क्लास में अव्वल आती थी। दसवीं की बोर्ड परीक्षा में साक्षी ने 76% प्रतिशत और इंटर में 81.4% अंक लाकर पूरे जिले में अपने स्कूल का नाम रोशन किया था। इंटर की परीक्षा पास करने के बाद साक्षी ने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया। साक्षी ने राजकीय महाविद्यालय से अपनी B.ED की पढ़ाई पूरी की।Success Story
साक्षी के मुताबिक 12वीं में 81 फीसदी अंक लाने के बाद ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला कर लिया था। लेकिन दिक्कत यह थी कि रॉबर्ट्सगंज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर संसाधन नहीं थे। इस वजह से साक्षी ने पहले अपना ग्रेजुएशन पूरा करने का फैसला लिया। साक्षी बताती हैं कि ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने दिल्ली में रहकर तैयारी करने का मन बनाया।Success Story
इस बारे में उन्होंने अपने पिता से बात की तो वह तुरंत तैयार हो गए। उन्होंने साक्षी से कहा, ‘तुम जाने की तैयारी करो, खूब मन लगाकर पढ़ना, बाकी किसी चीज के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है।’ पिता की ये बातें सुनकर साक्षी निश्चिंत हो गईं। साक्षी ने अपने सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की और 2018 में आईएएस की परीक्षा पास करने में सफल रहीं।
When he talked to his father about this, he immediately agreed. He told the witness, ‘You prepare to go, study hard, there is no need to think about anything else.’ Sakshi became restless after hearing these words of her father. Sakshi worked hard day and night to fulfill her dream and was successful in clearing the IAS exam in 2018.
साक्षी ने पिता के अधूरे सपनेको किया साकार
साक्षी बताती हैं कि उनके पिता भी आईएएस बनना चाहते थे, लेकिन निजी कारणों की वजह से वह अपने इस सपने में रंग भरने से चूक गए। साक्षी के मुताबिक पिता को हमेशा यह बात खलती थी। इस बारे में जब साक्षी को पता चला, तो उन्होंने बिना किसी से बताए खुद आईएएस बनने का मन बना लिया था।