दलसिंहसराय में दाखिल-खारिज में जुगाड़ का बिगड़ा खेल,अब हर रोज होता लिक फेल ।
समस्तीपुर । दलसिंहसराय में हर दिन 30 से अधिक लोग अपनी जमीन के दाखिल-खारिज के लिए आवेदन करते हैं। इसमें से आधे लोगों का दाखिल-खारिज आवश्यक दस्तावेजों के कारण निरस्त कर दिया जाता है। शेष दाखिल-खारिज का काम सर्वर डाउन होने के कारण महीनों महीना लग जाता है। जिस तकनीक को काम में तेजी लाने के लिए लाया गया आज उसी तकनीक ने दाखिल-खारिज जुगाड़ के खेल को पूरी तरह बिगाड़ दिया। अपने काम को लेकर हर दिन अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे लोगों का यही कहना है। दाखिल- खारिज के लिए अंचल कार्यालय पहुंचे एक व्यक्ति ने बताया कि पहले जब मैनुअल होता था किसी तरह जुगाड़ लगाकर काम हो जाता था। जब से आनलाइन हुआ है तकनीक ने जुगाड़ का खेल ही बिगाड़ कर रख दिया है। जब कार्यालय आते हैं तो कभी सर्वर नहीं काम करने तो कभी स्लो चलने की बात बता कह ताल दिया जाता है।
हर दिन तीस आवेदन होते हैं आनलाइन, आधे आवेदन हो जाते निरस्त
पड़ताल में पता चला कि दाखिल-खारिज को लेकर हर दिन औसतन 30 लोग आनलाइन आवेदन करते हैं। इसमें आधे आवेदन दस्तावेज की कमी के कारण निरस्त कर दिए जाते हैं। इनमें से कुछ लोगों का महीनों चक्कर लगाने के बाद दाखिल-खारिज हो पाता है। एक रिकार्ड के अनुसार 15 जून तक दलसिंहसराय अंचल कार्यालय में 13311 आनलाइन आवेदन में 7566 लोगों के दाखिल-खारिज हो पाए। 4251 आवेदन निरस्त कर दिए गए तो 1494 अभी पेंडिग चल रहे। अंचलाधिकारी राजीव कुमार रंजन ने बताया कि दाखिल-खारिज आवेदन निरस्त होने का सबसे बड़ा कारण है जरूरी दस्तावेज। अधिकांश आवेदन मिलजुमला रकवा, सही जमाबंदी नहीं होने, भूमि विवाद के कारण न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण होता है। इसके अलावे संबधित भूमि का परिमार्जन का अभाव होना भी एक बड़ा कारण है। कर्मचारियों की कमी के कारण भी दाखिल- खारिज में होती है कठिनाई दलसिंहसराय अंचल कार्यालय में 17 हल्का पर महज तीन कर्मचारी काम कर रहे हैं। प्रत्येक कर्मचारी के अंदर पांच हल्का आता है। दाखिल-खारिज के लिए हर दिन एक कर्मचारी को दस आवेदनों की जांच कर रिपोर्ट देनी होती है। इसका असर भी इन कामों पर असर पड़ता है। सोर्स-जागरण।