BJP के भोजपुरी सुपरस्टार सांसद, मनोज तिवारी दिल्ली,रवि किशन गोरखपुर,तो अब निरहुआ Azamgarh।
BJP’s Bhojpuri superstar MP: Manoj Tiwari Delhi, Ravi Kishan Gorakhpur, then now Nirahua Azamgarh.
बॉलीवुड के बाद अब भोजपुरी में भी अभिनेता से नेता बनने की संख्या लगातार बढ़ रही है। रविवार को लोकसभा उपचुनाव के आए नतीजों के बाद एक और भोजपुरी सुपरस्टार की राजनीति में एंट्री हो गई है। पहले मनोज तिवारी इसके बाद रवि किशन और अब दिनेश लाल यादव भी चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं। तीनों ही सुपरस्टार ने भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंचे हैं। भोजपुरी स्टार और गायक मनोज तिवारी दिल्ली से भाजपा के सांसद हैं तो वहीं भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन गोरखपुर से लोकसभा सदस्य हैं। अब तक आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव को हराने के बाद दिनेश लाल यादव निरहुआ भी भाजपा से सांसद बने हैं।
2009 में सपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं मनोज तिवारी
2003 में भोजपुरी फिल्म ससुरा बड़ा पैसा वाला में एक्टर का किरदार निभाने वाले गायक मनोज तिवारी ने 2009 में सपा की टिकट से गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था। 15वीं लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें तीन निर्वाचन क्षेत्रों के विकल्प की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने गोरखपुर ही चुनाव था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। 2014 में मनोज तिवारी ने भाजपा की टिकट से दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ा और जीता भी। उन्होंने आप के आनंद कुमार को एक लाख 44 हजार 084 वोटों से हराया था। 2019 में भी भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ा और जीता। तब से वह भातपा के सांसद बने हुए हैं। मनोज तिवारी दिल्ली भाजपा अध्यक्ष पद की भी कमान संभाल चुके हैं।
2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे रवि किशन
यूपी के जौनपुर जिले के रहने वाले भोजपुरी सुपर स्टार और गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने पहली बार 2014 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2017 में रवि किशन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की ओर से जब उम्मीदवारों की सूची जारी की गई तो उसमें रवि किशन का भी नाम था। उन्होंने गोरखपुर निर्वाचन क्षेत्र से सपा के उम्मीदवारा रामभूल निषाद को भारी मतों से पराजित किया था। बतादें कि रवि किशन से पहले गोरखपुर से सीएम योगी सांसद थे। 2017 में यूपी का सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ गोरखपुर की सीट छोड़ दी थी। रवि किशन विश्व की सबसे बड़ी रामलीला में भी किरदार निभा चुके हैं। रवि किशन ने भोजपुरी, हिंदी, तेलगू और कन्नड़ फिल्मे भी की हैं। रवि किशन भोजपुरी की करीब 350 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं।
निरहुआ रिक्शावाला से सांसद बने दिनेश लाल यादव
2008 में भोजपुरी फिल्म निरहुआ रिक्शावाला से भोजपुरी स्टार बने दिनेश लाल यादव अब आजमगढ़ से सांसद बन चुके हैं। दिनेश लाल यादव ने सपा के कब्जे में रही इस सीट पर कमल खिला दिया है। दिनेश लाल यादव ने 2003 में एक म्यूजिक एलबम रिलीज किया था। इसके बाद वह फिल्मों में काम करने लगे। जौनपुर जिले के रहने वाले दिनेश लाल यादव को 2015 में बीआईएफए की ओर से सर्वेश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में सम्मानित किया गया था। उन्हें 2012 में फिल्म गंगादेवी में अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का भी अवसर मिला था। दिनेश लाल यादव ने 2019 में सीएम योगी की अध्यक्षता में भाजपा की सदस्यता ली थी। इसी साल आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव भी लड़ा। दिनेश लाल यादव को भाजपा ने अखिलेश यादव के सामने उतारा था लेकिन वह चुनाव हार गए थे। विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था तब से यह सीट खाली थी।
सपा के गढ़ में निरहुआ ने खिलाया कमल
आजमगढ़ उपचुनाव में दिनेश लाल यादव ने सपा के धर्मेंद्र यादव को नजदीकी मुकाबले में पटकनी दे दी। आजमगढ़ पर निरहुआ की जीत कई मायनों में खास है। यह सीट सिर्फ सपा का गढ़ ही नहीं रही है। यहां से मुलायम सिंह यादव और वर्तमान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव दोनों चुनकर संसद जा चुके हैं। इस बार का उपचुनाव तो अखिलेश यादव के इस सीट से इस्तीफा देने की वजह से हुआ था। 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से अखिलेश यादव ने भारी अंतर से जीत हासिल की थी। एक और खास बात कि उस समय अखिलेश यादव के सामने यही निरहुआ थे जो भारी अंतर से चुनाव हार गए थे।
सपा का गढ़ रही है आजमगढ़ सीट
2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव करहल सीट से विधानसभा चुनाव जीते और उत्तर प्रदेश विधानसभा में ही बने रहने का फैसला किया। आजमगढ़ लोकसभा सीट से अखिलेश ने इस्तीफा दिया जिसके चलते यहां उपचुनाव हुए। अखिलेश ने उपचुनाव में इस सीट पर अपने परिवार के ही सदस्य धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा लेकिन तीन साल में ही स्थितियां ऐसी बदलीं जो दिनेश लाल यादव यहां से चुनाव हारे थे उन्होंने सपा के इस गढ़ को ही ढहा दिया। एक बात और ध्यान देने की है यह वही आजमगढ़ है जहां इसी साल हुए राज्य के विधानसभा चुनाव में 10 की 10 सीटों पर सपा ने जीत हासिल कर अपना दम दिखाया था।
भोजपुरी का सुपरस्टार राजनीति में भी हिट
आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव ने राजनीतिक पारी का नया अध्याय भले शुरू किया है और आज सुर्खियों में है लेकिन वे किसी पहचान के मोहताज नहीं है। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में निरहुआ का रुतबा सुपरस्टार का है। यूपी, बिहार और झारखंड में आज शायद ही कोई हो जो निरहुआ को न जानता हो। गायकी से अपने सफर की शुरुआत करने वाले दिनेश लाल यादव ने स्टेज के लिए अपना एक नाम चुना निरहुआ। इस नाम के साथ उनका रिश्ता ऐसा जुड़ा कि न फिर वे इससे अलग हो पाए और न ये नाम उनसे छूटा। आज उनके ढेर सारे फैन तो ऐसे हैं जो उनका असली नाम जानते ही नहीं।
निरहुआ नाम के साथ है गहरा रिश्ता
पहले उनके नाम की कहानी समझ लेते हैं। आपको फिर से इस स्टोरी के शुरू में चलना होगा, वही करीब 20 साल पहले सीडी वाले जमाने में। दिनेश लाल यादव का पहला एल्बम आया था, नाम था- निरहुआ सटल रहे। इसी एलबम में दिनेश यादव के कैरेक्टर का नाम था- निरहू। गांव में बदलते समाज की स्थितियों को दिखाता हुआ यह एलबम जबर्दस्त हिट हुआ था। यह गाना बसों, टेम्पो से लेकर ट्रैक्टर तक में बजने लगा था।
म्यूजिक से फिल्म इंडस्ट्री का रुख
बाद में इसी हिट को भुनाते हुए दिनेश लाल यादव ने आगे भी अपनों गानों में निरहुआ नाम का इस्तेमाल किया। बाद में जब गायकी से भोजपुरी फिल्मों की दुनिया में कदम रखा तो वहां भी यही नाम बनाए रखा। ये वो दौर था जब भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में मनोज तिवारी, रवि किशन जैसे दिग्गज कलाकारों का बोलबाला था। इसी दौर में निरहुआ ने भोजपुरी फिल्म की दुनिया में कदम रखा। पहली फिल्म रिलीज हुई निरहुआ रिक्शा वाला।
.
.
पहली ही फिल्म ने गाड़े सफलता के झंडे
निरहुआ रिक्शवाला ने सफलता के झंडे गाड़ दिए और इसके साथ ही दिनेश लाल यादव के नाम की गूंज भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में भी सुनाई देने लगी। इसके बाद तो उन्होंने फिल्मों की झड़ी लगा दी। आम जनमानस पर छा गए इस कलाकार को जनता ने खूब प्यार दिया। निरहुआ को जनता का प्यार मिल रहा था और निरहुआ लगातार जनता का मनोरंजन कर रहा था। उन्होंने कई फिल्मों के शीर्षक ही इस नाम से रखे। जैसे निरहुआ रिक्शावाला, निरहुआ हिंदुस्तानी, निरहुआ चला ससुराल, निरहुआ चला लंदन।
राजनीति में आते ही दिखा दिए तेवर
साल 2019 के आम चुनाव के पहले दिनेश लाल यादव ने भाजपा ज्वाइन की। ये वह समय था जब भोजपुरी इंडस्ट्री में उनका जलवा चल रहा था और ऐसे समय में एक्टर कम ही राजनीति की तरफ जाते हैं। लेकिन निरहुआ नई भूमिका के लिए तैयार थे। अभी उनके सामने बड़ा चैलेंज आया जब बीजेपी ने उन्हें अखिलेश यादव के खिलाफ मैदान में उतार दिया।
अब निरहुआ चला दिल्ली
अखिलेश जैसे दिग्गज के सामने आजमगढ़ सीट से चुनाव में उतरना खुद पांव पर कुल्हाड़ी मारने जैसा था। यहां भी दिनेश लाल यादव हिम्मत नहीं हारे और जमकर प्रचार किया। परिणाम उनके लिए बुरे रहे और वह भारी अंतर से हार चुके थे। निरहुआ आजमगढ़ सीट से भले हार भले गया लेकिन आजमगढ़ के लोगों से रिश्ता जो बना तो फिर आगे भी रहा। हार के बाद भी वह आजमगढ़ आते रहे और लोगों से मिलते रहे। आज उपचुनाव के नतीजों के साथ ये साबित हो गया है कि ‘निरहुआ चलल दिल्ली’। वैसे निरहू चाहें तो इस पर फिल्म भी बना सकते हैं।