Bihar News:1 करोड़ 47 लाख की लागत से बनने वाली पुल ढहा,ढलाई के चंद घटे बाद हुआ हादसा ।
सहरसा: जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर एक निर्माणाधीन पुल गुरूवार को गिर गया। बुधवार की रात पुल के एक हिस्स की ढलाई की गयी थी। विभाग का कहना था कि ठेकेदार को सेंटरिंग बदलने को कहा गया था। लेकिन आनन-फानन में ठेकेदार ने पुल की ढलाई कर दी।
इस बाबत ग्रामीण कार्य प्रमंडल, सिमरी बख्तियारपुर के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि यह पुल व एप्रोच 147 लाख रुपये की लागत से बनना था। 35 मीटर लंबा पुल व 100 मीटर एप्रोच पथ का कार्य खगड़िया जिले के शिववा चौथम के महेंद्र कुमार को आवंटित किया गया था। कंपनी को पहले ही डिबार घोषित कर दिया गया है।
तीन मजदूर भी घायल
बिहार में निर्माणाधीन पुल गिरने की कड़ी में सहरसा का भी नाम शुमार हो गया। यहां चौबीस घंटे के अंदर ही निर्माणाधीन पुल औंधे मुंह गिर पड़ा। इस हादसे में तीन मजदूर दबकर जख्मी हो गये। जख्मी मजदूरों का इलाज जारी है। विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी अनुसार पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर कठडुमर व दह के बीच लगभग एक करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से एक उच्चस्तरीय पुल व एप्रोच पथ का कार्य जारी है। बुधवार को इस पुल की ढ़लाई की गयी और गुरूवार को वो ध्वस्त हो गया। पुल के अचानक गिरने से वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। पुल गिरने से कार्य कर रहे तीन मजदूर भी दब गये। जिससे ग्रामीणों के सहयोग से आनन-फानन में निकाला गया।
घायल मजदूरों का दह बाजार में ग्रामीण चिकित्सकों के पास इलाज किया जा रहा है। कार्यस्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि एक दिन पूर्व ही ढलाई के दौरान प्राक्कलन के विपरीत पुल निर्माण की ढलाई करने के उपरांत मुंशी को स्थल पर जाकर आशंका जतायी गयी थी। लोगों का कहना था ढ़लाई प्राक्कलन के विरुद्ध की जा रही थी। लोगों ने बताया कि ढ़लाई के दौरान कोई अभियंता मौजूद नहीं थे।
क्या बोले कार्यपालक अभियंता
ग्रामीण कार्य प्रमंडल सिमरी बख्तियारपुर के कार्यपालक अभियंता संग्राम हेमब्रम ने बताया कि यह पुल 35 मीटर लंबा व 100 मीटर एप्रोच पथ बनना है। कार्य खगडिय़ा जिले के शिववा चौथम के महेंद्र कुमार को आवंटित किया गया था। कंपनी को पहले ही डिबार घोषित कर दिया गया है। कहा कि निरीक्षण के दौरान पुल की सेटरिंग को देखकर उसे बदलने के लिए संवेदक को कहा गया था। लेकिन अभियंता के पीठ पीछे इसकी ढ़लाई कर दी गयी। मामले की जांच की जा रही है। संवेदक के खिलाफ विभाग को लिखा जाएगा।
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बिहार में निर्माणाधीन या निर्माण के बाद पुलों के ढहने की खबरें इससे पहले भी सामने आ चुकी हैं। हाल ही में सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के सेगमेंट ढह गया था। इस हादसे में कहा गया कि आंधी-पानी की वजह से पुल क्षतिग्रस्त हुआ। इससे पहले श्री कृष्ण सेतु का एप्रोच पथ धंस गया था। वहीं गोपालगंज के पुल को भी नहीं भुलाया जा सकता। जिसका उद्घाटन के कुछ दिन बाद ही एप्रोच पथ नदी की तेज धारा में बह गया था। ये सभी मामलों ने राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ देशभर में सुर्खियां बटोरी थी।
पुल गिरने की घटना के जांच की मांग
गुरुवार को सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के कठडुमर-दह में निर्माणाधीन पुल के गिर जाने पर राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जांच की मांग की है। जन अधिकार पार्टी के प्रदेश महासचिव पुनपुन यादव ने कहा कि पुल गिरने की घटना शर्मनाक है। जनप्रतिनिधियों की सुस्ती की वजह से संवेदक अनियमितता करते हैं और उन्हें रोकने – टोकने वाला कोई नहीं है। राजद के प्रखंड अध्यक्ष सैयद हैलाल असरफ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शिलान्यास के नाम पर नेताओं की भीड़ जुटती है और उसके बाद उन योजनाओं को देखने वाला कोई नहीं होता। पूरे घटना की जांच होनी चाहिए।रालोजपा के छात्र जिलाध्यक्ष निर्दोष यादव ने कहा कि घटना की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषी को बख्शा ना जाए।