Bihar:इस मजबूरी ने महिला को बनाया इलेक्ट्रीशियन,अब रोज कमाती हैं एक हजार से लेकर 1500 रुपये ।
Bihar: मजबूरी और गरीबी इंसान को बहुत कुछ सिखा डालती है. बिहार के गया जिले से एक ऐसी ही कहानी सामने आई है. जो लाखों लोगों को प्रेरित करेगी. जिले की रहने वाली सीता देवी के पति बीमार हुए तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बिना पढ़े ही कड़ी मेहनत के बल पर सफल इलेक्ट्रीशियन बन गईं. अब वह गया के राय काशी नाथ मोड़ पर बैठकर पिछले 15 साल से बिजली का सारा काम कर रही हैं. साथ ही बीमार पति का इलाज करा रही हैं.
सीता देवी ने बताया कि साल 1985 से उनके पति इसी फुटपाथ पर बनी दुकान में इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे. साल 2005 में उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसकी वजह से काम प्रभावित होने लगा. कुछ दिन बाद उनकी हालत काम करने लायक नहीं रही.
मजदूर पैसे मांगने लगे तो सीता देवी ने खुद दुकान चलाने की ठानी. वह अपने बीमार पति को लेकर दुकान आने लगीं और खुद एलईडी बल्ब, पंखा, कूलर, इन्वर्टर आदि का सारा काम सीख गईं. धीरे-धीरे सीता देवी के पति की आंख की रोशनी भी चली गई और घर पर ही रहने लगे. लेकिन सीता देवी काम सीखकर आगने बढ़ने लगीं.
इलेक्ट्रीशियन सीता देवी
बिना पढ़ी लिखी सीता देवी अब इलेक्ट्रीशियन बनकर एक दिन में एक हजार से लेकर 1500 रुपये तक की कमा लेती हैं. इसी पैसे से घर का सारा खर्च और पति का इलाज करा रही हैं.
मोहल्ले की कुछ महिलाएं सीता देवी के काम को खराब बताती हैं, जबकि कई महिलाओं ने इस मेहनती इलेक्ट्रीशियन की सराहना करती हैं. सीता देवी का कहना है कि इन सब बातों को दरकिनार कर आज वह आत्मनिर्भर हुई हैं. उन्होंने कहा कि जब अनपढ़ होकर वह आत्मनिर्भर हो सकती हैं, तो शिक्षित महिलाएं भी अपनी मंजिल हासिल कर सकती हैं.
वहीं, सीता देवी के पति जितेंद्र मिस्त्री बताते हैं कि वह अपनी पत्नी की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं. वह घर के साथ-साथ मेरा ख्याल भी रखती हैं और दुकान को बहुत अच्छी तरीके चलाती हैं. ग्राहकों के साथ भी उनका व्यवहार काफी मधुर है.