Bihar News:बिहार में बाढ़ को लेकर स्वाथ्य विभाग अलर्ट, सभी डीएम को भेजा गया गाइडलाइन,छुट्टियां रद्द ।
पटना. बिहार में अगले तीन माह बाढ़ का मौसम रहेगा. खास कर उत्तर बिहार में बाढ़ के कहर से हर बार जान माल की क्षति होती है. इस आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है. विभाग ने बिहार के बाढ़ग्रस्त जिलों के सभी जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों को अलर्ट रहने को कहा है. बाढग़्रस्त क्षेत्रों में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के अवकाश के आवेदन रद्द करने के भी निर्देश दिये गये हैं.
प्रतिनियुक्ति चार्ट निर्धारित करें
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनों से बाढ़ के दौरान बीमारी से निपटने के लिए त्रिस्तरीय तैयारी करने को कहा है. इसके लिए विभाग की ओर से विस्तृत गाइड लाइन नये सिरे से जारी की गयी है. सिविल सर्जनों को निर्देश है कि वे अभी से मेडिकल अफसर से लेकर पारा मेडिक्स तक की प्रतिनियुक्ति चार्ट निर्धारित कर लें.
निपटने के त्रिस्तरीय व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव ने इस संबंध में मीडिया को बताया है कि उत्तर बिहार के 15 जिले अति बाढ़ प्रवण हैं. बाढ़ के दौरान यहां जान-माल की क्षति के साथ कई तरह की जलजनित बीमारियां भी फैलती हैं. उन बीमारियों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो महामारी की आशंका उत्पन्न हो जाती है. इसलिए जिले में बीमारी या महामारी रोकने के लिए अभी से त्रिस्तरीय व्यवस्था में करने को कहा गया है. इस संबंध में जिलों को गाइड लाइन भी भेजी गयी है.
महामारी रोकथाम समिति
प्रत्यय अमृत ने कहा कि अब मानसून बिहार में दस्तक दे दिया है. बाढ़ को लेकर अलर्ट होना होगा. गाइड लाइन में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जिलाधिकारी के स्तर पर महामारी रोकथाम समिति को सक्रिय कर दिया जाये. इसमें उप विकास आयुक्त, आरक्षी अधीक्षक, सिविल सर्जन, आपूर्ति विभाग के अलावा आपदा प्रबंधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अफसर रहेंगे. महामारी रोकथाम समिति अपने जिले में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जलजमाव से होने वाली बीमारियों को चिह्नित करें और उनसे बचाव के उपाय करें.
मोबाइल मेडिकल टीम
उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में खास तौर पर पेयजल संकट पैदा हो जाता है. इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया के अनुपालन का निर्देश गाइड लाइन में है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग प्रभावित क्षेत्र में जलजमाव से प्रभावित क्षेत्र में पेयजल शुद्धीकरण की व्यवस्था करेगी. इसके साथ ही यह निर्देश भी है कि जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक चलंत चिकित्सा दल का गठन किया जाये. यह दल नाव लेकर प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करेगा.