Bihar के इस जिले में बनेगा अनोखा पावर प्लांट,दिन में सौर ऊर्जा तो रात में पानी के जरिए मिलेगी बिजली।
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में पंप स्टोरेज स्कीम के अंतर्गत जल्द ही बिहार में कार्य शुरू होगा। ऊर्जा मंत्रालय ने उसके हेतु सार्वजनिक स्थान के स्थापन सतलज हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी कॉरपोरेशन को जिम्मा सौंपा है। पंप स्टोरेज स्कीम के अंतर्गत यह प्रबंध है कि शाम 5 बजे जैसे ही सोलर एनर्जी की इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई बंद होगी वैसे ही पंप स्टोरेज स्कीम के अंतर्गत बनी हाइड्रोइलेक्ट्रिसीटी यूनिट से बिजली मिलना शुरू हो जाएगा।
सबसे पहले कैमूर जिले स्थित हथियादह एवं दुर्गावती में पंप स्टोरेज स्कीम के द्वारा विद्युत योजना शुरू होना है। पूर्व में नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन (NHPC) ने 1100 मेगावाट के पंप स्टोरेज योजना पर अध्ययन किया था। इसी के हेतु पहले इसी जगहों में पंप स्टोरेज योजना पर कार्य होगा। तय स्कीम के अंतर्गत पूरे बिहार में इस प्रकार की अनुमान पर सतलज जल विद्युत निगम को कार्य करना है। पहले संभाववता कार्य विवरण बनानी है।
विद्युत उत्पादन के लिए पंप स्टोरेज स्कीम के अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्रों में दो जलाशय बनाए जाते हैैं। एक तलब पहाड़ के ऊपर होता है एवं दूसरा पहाड़ के नीचे। दिन के वक्त सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर नीचे के सरोवर का पानी ऊपर वाले सरोवर में ले जाया जाता है। उसके बाद सौर ऊर्जा की आपूर्ति बंद हो जाती है तो ऊपर के जलाशय के जल को नीचे वाले सरोवर की ओर प्रवाहित कर हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी तैयार की और आपूर्ति दी जाता है।
सतलज हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी कॉरपोरेशन को बिहार में पंप स्टोरेज स्कीम पर ऊर्जा मंत्रालय ने जो स्वीकृति दी है इस संदर्भ में उर्जा विभाग को स्वीकृति पत्र प्राप्त हो चुका है जिसके बाद जल्द ही पंप स्टोरी स्कीम के तहत विद्युत उत्पादन इकाई का निर्माण कार्य ऊर्जा डिपार्टमेंट द्वारा जारी करवाया जाएगा”