मानसून से पहले ही बिहार में बाढ़ः बागमती नदी में आई उफान से चचरी पुल बहा,दर्जन भर गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूटा।
बिहार में मानसून के प्रवेश और नेपाल में बारिश की वजह से उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नेपाल से सटे तराई क्षेत्र के साथ बागमती नदी में जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। बुधवर की सुबह बागमती नदी में अचानक उफान की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस वजह से बेलसंड प्रखंड के चंदौली घाट पर बनी बांस के चचरी का पुल नदी में बह गया।
चचरी पुल के बह जाने से बेलसंड मीनापुर पथ लाइफ लाइन सड़क पर आवागमन ठप हो गया है। चचरी बह जाने से मौलानगर, दरियापुर, डुमरा, नूनौरा, हंसौर, सिरोपटी, बलुआ, तुर्की सहित एक दर्जन गांव का सम्पर्क भंग हो गया है। लोगों को आवागमन के लिए एक मात्र नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। अचानक आई आपात स्थिति की वजह से नाव भी ठीक से नहीं मिल रहा है। लोग अपने स्तर से बाढ़ की समस्या से निपटने की तैयारी में जुटे हैं।
बागमती नदी में आई उफान के कारण बेलसंड प्रखंड के चंदौली घाट में नदी का जलस्तर 57.20 मीटर हो गया है। साथ ही जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है। पानी खतरे के निशान से मात्र 1.86 सेमी नीचे बह रहा है। चंदौली घाट में डेंजर लेबल 59.06 सेमी है।
बिहार के 32 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी
उधर, किशनगंज जिले में भी नेपाल के तराई में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नदियां उफान पर होने की वजह से टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में रेतुआ नदी पर बना चचरी का पुल मंगलवार देर शाम पानी के तेज बहाव में बह गया। यह चचरी हवाकोल पंचायत के खुरखुरिया घाट पर स्थित हैइसके ध्वस्त हो जाने से लगभग 25 हजार की आबादी का जनजीवन प्रभावित हो गया है। यह चचरू कलियागंज और पलासी के बीच आने जाने का सबसे महत्वपूर्ण साधन था।
इलाके के लोगों के लिए आने जाने का साधन अब नाव ही रह गया है। लेकिन पर्याप्त संख्या में नाव नहीं है। नया नाव बनाने और मैनेज करने में लोग जुटे हुए हैं।