आखिर क्यों सिर्फ सफ़ेद रंग का ही होता है हवाई जहाज? काला या नीला ना होने की है खास वजह ।
इंसान अपनी जिंदगी में कई चीजें हर रोज आंखों के सामने देखता है. इन चीजों को देखने के लिए आंखें इतनी आदी हो जाती हैं कि फिर उस चीज के प्रति हमारा दिमाग कोई सवाल ही खड़ा नहीं करता. लेकिन अगर दिमाग पर जोर डाला जाए तो नॉर्मल सी दिखने वाली चीजें भी कई बार आपको हैरान कर देगी. अब ज़रा हवाई जहाज को ही देख लीजिये. इसमें ऐसी कई विशेषताएं है जिसके कारण ये हवा में उड़ सकती है. वैसे तो हवाई जहाज में ऐसी कई छोटी-बड़ी चीजें हैं जो हैरान करने वाली हैं. लेकिन इनके सफ़ेद रंग के होने की वजह क्या आपको पता है?
आपने कई बार अपनी जिंदगी में प्लेन देखा होगा. उसपर आप बैठे भी होंगे. लेकिन इस सवाल के बारे में आपने कभी सोचा ही नहीं होगा कि ये सफ़ेद ही क्यों होता है? ना सिर्फ हवाई जहाज, ज्यादातर हेलीकॉप्टर भी आपको सफ़ेद रंग के ही दिखेंगे. आसमान में उड़ते इन विमानों के सफ़ेद होने की बात यूं ही इत्तेफाक नहीं है. इसके पीछे एक कारण है, जिसे ज्यादातर लोग नहीं जानते. आइये आपको बताते हैं वो ख़ास कारण.
बेहद लॉजिकल है वजह
हवाई जहाज को सफ़ेद रंग का रखने के पीछे कारण काफी लॉजिकल है. सफ़ेद रंग किसी भी अन्य रंग के मुकाबले कम गर्मी पैदा करता है. ऐसे में ये रंग हवाई जहाज को ठंडा रखने में मदद करता है. हवा में उड़ते हुए ईंधन की गर्मी से हादसे होने के चान्सेस ये सफ़ेद रंग कम कर देता है. इसके अलावा सफ़ेद रंग कई तरह के एक्सीडेंट्स से बचाने में हवाई जहाज की मदद करता है. सफ़ेद रंग में अगर तेल रिस्ता है तो वो मेकेनिकल टीम को बेहद जल्दी नजर आ जाता है. इसे तत्काल रिपेयर कर दिया जाता है और एक्सीडेंट्स को टाला जाता है.
पैसों की बचत
हवाई जहाज बनाने वाली कंपनियों को भी प्लेन के सफ़ेद रंग का फायदा होता है. ये रंग धूप में जल्दी नहीं उड़ता. इससे प्लेन का रंग फेड नहीं होता. अन्य रंग आसमान में धूप के नजदीक जल्दी फेड हो जाएगा जिससे उसे बार-बार पेंट करना पड़ेगा. आपको बता दें कि कंपनी को एक बार प्लेन को कलर करने में लगभग तीन लाख का खर्च आता है. ऐसे में सफ़ेद रंग होने की वजह से कंपनियां पैसा खर्च करने से बच जाती है. इसके अलावा सफ़ेद रंग होने से जब प्लेन को बेचा जाता है तो आसानी से उसका नाम बदला जा सकता है. इसी वजह से काफी सोच समझ कर प्लेन का रंग सफ़ेद रखा गया है.