अगस्त में शुरू हो जाएगा इस जगह पर बनने वाले Heliport का काम,एमआई-172 हेलीकॉप्टर भी उतर सकेगा।
नोएडा. अगर कंपनियों ने बेरुखी नहीं दिखाई तो जल्द ही जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) की तरह से अब नोएडा में हेलीपोर्ट (Heliport in Noida) का निर्माण शुरू हो जाएगा. यूपी सरकार (UP Government) ने हेलीपोर्ट से संबंधित ग्लोबल टेंडर जारी करने की अनुमति दे दी है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगस्त में फाइनेंशियल बिड खोल दी जाएगी. जिसके बाद अगस्त में ही हेलीपोर्ट का काम शुरू हो जाएगा. नोएडा के सेक्टर-151ए में हेलीपोर्ट बनाने की तैयारी चल रही है. 9 एकड़ से भी ज्यादा जमीन पर हेलीपोर्ट बनाया जाएगा. वहीं हेलीपोर्ट की लागत करीब 43 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है. अच्छी बात यह है कि हेलीपोर्ट पर एयर एम्बुलेंस (Air Ambulance) को उतारने के लिए भी जगह दी जाएगी.
प्राइवेट कंपनी 30 साल तक करेगी हेलीपोर्ट का संचालन
हेलीपोर्ट का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर होगा. हेलीपोर्ट का निर्माण करने वाली कंपनी ही 30 साल तक हेलीपोर्ट का संचालन करेगी. तकनीकि बिड का ग्लोबल टेंडर जारी होने पर एक ही कंपनी ने दिलचस्पी दिखाई थी. जिस पर नोएडा अथॉरिटी ने यूपी सरकार से टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद अब अथॉरिटी फाइनेंशियल बिड की तैयारी में लग गई है.
हेलीपोर्ट के शुरू होते ही नोएडा सेक्टर-151ए में बन रहे इंटरनेशनल लेवल के गोल्फ कोर्स, हैबीटेट सेंटर जैसी परियोजनाओं को मानों विकास के पंख लग जाएंगे. हेलीपोर्ट बनने के साथ ही देश-विदेश से आने वाले मेहमान ट्रैफिक जाम में फंसे बिना सीधे नोएडा और ग्रेटर नोएडा आ-जा सकेंगे. यहां से यूपी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के दर्शनीय स्थल जुड़ेंगे. आगरा, मथुरा, वृंदावन, हरिद्वार, केदारनाथ, गंगोत्री, शिमला, मनाली, देहरादून आदि को भी हेलीपोर्ट से जोड़ा जाएगा.
एमआई-172 हेलीकॉप्टर भी उतर सकेगा नोएडा में
जानकारों की मानें तो हेलीपोर्ट को इस तरह से बनाया जाएगा कि यहां पर सबसे बड़े हेलीकॉप्टर एमआई-172 को भी उतारा जा सकेगा. गौरतलब रहे इस हेलीकॉप्टर में एक साथ 26 यात्री आ जाते हैं. लेकिन इस तरह के बड़े हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल सिर्फ इमरजैंसी और वीआईपी मूवमेंट के दौरान ही किया जाएगा. इतना ही नहीं हेलीपोर्ट की डिजाइन इस तरह की होगी कि यहां पर 5 बेल 412 हेलीकॉप्टर (12 सीटर) एक साथ खड़े हो सकेंगे. हेलीपोर्ट पर ही हेलीकॉप्टर की मेंटेनेंस रिपेयर एवं ओवर हॉलिंग की सुविधा भी होगी.
एक बार में 40 यात्री आ और जा सकेंगे हेलीपोर्ट से
अथॉरिटी से जुड़े सूत्रों की मानें तो 500 वर्ग मीटर में टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा. एक बार में हेलीपोर्ट से 20 सवारी रवाना और 20 जाने वाली सवारियों का संचालन होगा. हेलीपोर्ट से सिर्फ दिन में ही उड़ान भरी जा सकेगी. हेलीपोर्ट पर 15 मीटर ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर होगा. हेलीपोर्ट पर ही 50 कारों के लिए पार्किंग, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, फायर स्टेशन भी बनाया जाएगा. जरूरत पड़ने पर यहां से एयर एंबुलेंस का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा.