Wednesday, November 27, 2024
New To India

ये है दुनिया का सबसे खतरनाक airport, तस्वीरें भर देखने से थम जाती है सांसें ।

This is the most dangerous airport in the world, seeing the pictures stops the breath
दुनिया में कई ऐसी जगहों के बारे में आपने सुना-पढ़ा होगा, जो खतरनाक होते हैं. इन जगहों पर जाना यानि जान को जोखिम में डालना. कुछ एडवेंचरस लोग खतरे के बावजूद इन जगहों पर जाने का रिस्क उठाते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग इन्हें तस्वीरों में देखने के बाद ही इनसे तौबा कर लेते हैं. लेकिन कई बार कुछ जगहें ऐसी होती हैं, जहां भीड़ ही इस खतरे के कारण उमड़ती है. बात अगर दुनिया के एयरपोर्ट्स की करें, तो ज्यादातर को ऐसी जगहों पर बसाया जाता है, जो सुरक्षित हो. लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे एयरपोर्ट्स हैं, जो खतरनाक लैंडिंग की वजह से जाने जाते हैं. ऐसे एयरपोर्ट्स दुर्घटना का गढ़ भी होते हैं.

आज हम जिस खतरनाक एयरपोर्ट की बात कर रहे हैं, वहां बीते दिनों एक प्लेन दुर्घटना हो गई थी. इसमें चार भारतीय यात्री भी सवार थे. हादसे में सारे यात्रियों की मौत हो गई. तारा विमान अचानक नेपाल में खो गया था. इसके बाद जब वो मिला, तब दुर्घटनाग्रस्त हो चुका था. इसमें करीब 22 यात्री सवार थे. सबकी मौत हो गई है. नेपाल के जोमसोम सिर्पोर्ट के ट्रैफिक कंट्रोलर ने बताया था कि घासा में उसे तेज धमाके की रिपोर्ट आई थी. इसी के बाद कोबान गांव के मुस्टांग में विमान का मलबा मिला. इस हादसे के बाद नेपाल के एयरपोर्ट्स एक बार फिर चर्चा में आ गए.

बेहद खतरनाक है ये एयरपोर्ट
बात अगर खतरनाक एयरपोर्ट्स की करें और उसमें लुकला एयरपोर्ट ना शामिल हो, ऐसा कैसे हो सकता है. इसे नेपाल का ही नहीं, दुनिया का सबसे खतरनाक एयरपोर्ट कहा जाता है. इसकी तस्वीरें देखकर ही किसी की सांसें रुक जाए. नेपाल के हिमालय के पास करीब 10 हजार फ़ीट की ऊंचाई पर लुकला एयरपोर्ट स्थित है. इसे काफी खतरनाक और डरावना माना जाता है. इसे एक और नाम से भी बुलाया जाता है- तेंजिंग हिलेरी एयरपोर्ट. जिन लोगों को हिमालय की सैर करनी है लेकिन चढ़ाई का मन नहीं होता, वो इस एयरपोर्ट से सीधे हिमालय की गोद में पहुंच सकते हैं.

 

रनवे पर थम जाती है सांसें
खतरनाक-घुमावदार और नुकीली पहाड़ियों के बीच बने इस एयरपोर्ट पर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. यहां जब प्लेन लैंड करता है, वो सबसे डरावना अनुभव होता है. खराब मौसम की वजह से कई बार प्लेन का रडार काम नहीं करता. इस वजह से पायलट अंदाजा लगाकर प्लेन की लैंडिंग करवाता है. इसका रनवे इतना छोटा है कि जरा सी लापरवाही और प्लेन सीधे पहाड़ी से टकरा जाएगा. इसके ट्रैक की चौड़ाई मात्र 65 फ़ीट है. इतना खतरनाक होने के बावजूद यहां हर कुछ घंटे में प्लेन की लैंडिंग होती है.

Kunal Gupta
error: Content is protected !!