बिहार का KGF नहीं JGF: स्वर्ण भंडार के बाद मिला प्रचीन इतिहास,शुरू हुआ गिद्धेश्वर पहाड़ी पर सर्वेक्षण ।
मणिकांत, जमुई: एक वक्त ऐसा था जब जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत गिद्धेश्वर जंगल का इलाका लाल सलाम के नारों से गूंजा करता था। गिद्धेश्वर के जंगलों में लाल झंडा लिए माओवादी लाल सलाम का नारा लगाते अक्सर चहलकदमी करते दिख जाया करते थे। अब इसी गिद्धेश्वर के घने जंगलों से शैलाश्रयों में प्राचीन मानव के सांस्कृतिक क्रिया-कलापों के साक्ष्य मिलने शुरु हो गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा प्राप्त अनुज्ञप्ति के आधार पर बिहार संग्रहालय द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण में आदिकाल के जो साक्ष्य मिलने प्रारंभ हुए हैं, इससे यही लगता है कि आने वाले दिनों में पर्यटन के क्षेत्र में जमुई जिला की अलग पहचान होगी।
विदित हो कि खैरा प्रखंड अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता रहा है। माओवादियों ने यहां बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के साथ-साथ अन्य जंगलों की तरह गिद्धेश्वर के जंगल को भी अपना शरणस्थली बना रखा था। पुलिस द्वारा चलाए गए सर्च अभियान के दौरान कई दफा इस जंगल में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ भी हो चुकी है। हाल के दिनों में पुलिस ने इस जंगल से विस्फोटक के अलावा अन्य आपत्तिजनक सामानों को बरामद किया था। लेकिन, पुलिस की सक्रियता के कारण माओवादियों ने गिद्धेश्वर जंगल से अपना रूख दूसरे स्थानों की ओर कर लिया।
जमुई में ही देश का 44 प्रतिशत स्वर्ण भंडार होने का किया जा चुका है दावा
बिहार के केजीएफ से प्रसिद्ध हुए जिले में अब मिला प्राचीन इतिहास
– जंगल के पर्वतमालाओं में मिले हैं शैलचित्र के साक्ष्य
– बिहार संग्रहालय द्वारा किया जा रहा सर्वेक्षण का कार्य
– पहले गूंजता था लाल सलाम का नारा
यही कारण है कि अब बिहार संग्रहालय के कर्मी बेखौफ होकर गिद्धेश्वर के बीहड़ जंगल में सर्वेक्षण का कार्य कर रहे हैं। गौरतलब है कि सर्वेक्षण के दौरान गिद्धेश्वर जंगल से पाषाण-ताम्रपाषाण से प्रारंभिक ऐतिहासिक एवं पूर्व मध्य काल के शैलचित्र मिले हैं। गिद्धेश्वर पर्वतमाला में काफी बड़े-बड़े शैलाश्रय हैं। इसमें अधिकांश शैलाश्रय में शैलचित्र के साक्ष्य मिले हैं। इन शैल चित्रों में मानव, पेड-पौधे, पक्षी, जानवर, सूर्य, चक्र एवं अन्य ज्यामितीय आरेख चित्रों का अंकन है। चित्रों में लाल रंग का इस्तेमाल किया गया है। ये सभी शैल चित्र भिन्न-भिन्न स्थानों में हैं, जहां पहुंचने का रास्ता अत्यंत दुर्गम है। इनका सर्वे किया जा रहा है।