कोई बैल गाड़ी से तो कोई गधा गाड़ी से ऑफिस जाने को हुआ मजबूर,महंगाई से परेशान लोगों ने सबको किया हैरान ।
नई दिल्ली।पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की एक खबर ने सभी को चौंका दिया है. खबर ये है कि पाकिस्तान का एक एयरपोर्ट कर्मी (Pakistan Aviation employee news) अपने देश में बढ़ती महंगाई से काफी परेशान है. उसका कहना है कि वो बढ़ते तेल के दामों के कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी नहीं अफोर्ड कर सकता. इस वजह से उसने ऑफिस आने-जाने के लिए गधा गाड़ी (Man wants to travel on Donkey cart to office) का इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी है. यूं तो ये खबर सभी को चौंका रही है मगर भारत में ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं जब लोगों ने ऑफिस (People who travelled on animals to office) जाने के लिए कार, बाइक या रिक्शा जैसे साधनों को छोड़कर बैल गाड़ी और घोड़े जैसे विकल्पों को चुना था.
पत्रकार मेहरीन जहरा मलिक ने अपने आधिकरिक ट्विटर अकाउंट पर एक चिट्ठी शेयर की है जो पाकिस्तानी शख्स ने अपने ऑफिस के लिए लिखी है. चिट्ठी में उसने लिखा है कि गधा गाड़ी से ऑफिस आने की इजाजत मांग रहा है क्योंकि वो किसी भी तरह के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अफोर्ड नहीं कर पा रहा है. उसने लिखा- “कृपया मुझे एयरपोर्ट गधा गाड़ी लाने की इजाजत दें.”
घोड़े से गया ऑफिस
यूं तो ये मामला पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का है मगर अपने देश में भी ऐसे कुछ वाकये सामने आए थे. साल 2018 में बेंगलुरू से आई इसी तरह की एक खबर ने सभी को चौंका दिया था. रूपेश वर्मा अपनी नौकरी के आखिरी दिन घोड़े (Man travelled on horse to office) से ऑफिस गए थे जिसकी फोटोज काफी वायरल हुई थीं. उन्होंने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि वो शहर के ट्रैफिक से परेशान हो चुके थे और प्रशासन का ध्यान इस समस्या की ओर खींचना चाहते थे.
बैल गाड़ी से किया सफर
इसी तरह साल 2020 में मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में कुछ व्यापारी अपनी बीएमडब्लू कार छोड़कर बैल गाड़ी (man travel on bullock cart to work) से अपने काम पर गए थे क्योंकि वो शहर की खराब सड़कों के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहते थे. उस दौरान उनका ये वीडियो काफी चर्चा में रहा था. रूपेश और मध्य प्रदेश के व्यापारियों की ही तरह औरंगाबाद का एक शख्स कुछ दिनों पहले चर्चा में आया था. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार शेख यूसुफ नाम का ये शख्स एक फार्मेसी कॉलेज में लैब असिस्टेंट था और पैसों की बचत करने के लिए लॉकडाउन के दौरान घोड़े से अपने काम पर जाने लगा था.